हमारे सौरमंडल के सूर्य के सबसे निकट का तारा सेंटोरस तारामंडल में स्थित है अल्फा सेंटॉरी, जो पृथ्वी से केवल 4.37 प्रकाश वर्ष या 1.34 पारसेक (दूरी का मात्रक) दूर स्थित है। यह सबसे चमकीला तारा और आकाश का तीसरा सबसे चमकीला तारा है।
अल्फा सेंटॉरी एक बाइनरी स्टार सिस्टम है जिसमें अल्फा सेंटॉरी ए (Alpha Centauri A) और अल्फा सेंटॉरी बी (Alpha Centauri B) शामिल हैं। इसे कभी-कभी अल्फा सेंटॉरी एबी (Alpha Centauri AB → α Cen AB) के रूप में जाना जाता है।
अल्फा सेंटॉरी ए और बी एक बाइनरी स्टार सिस्टम के अंतर्गत आते हैं, जिसका मतलब है कि सामान्य तौर पर नग्न आंखों से देखने पर यह एकल तारे के रूप में दिखाई देते हैं लेकिन दूरबीन से देखने पर बाइनरी स्टार सिस्टम की गुत्थी सुलझ जाती है।
अल्फा सेंटॉरी बाइनरी स्टार सिस्टम में एक तीसरा तारा भी है जिसे अल्फा सेंटॉरी सी (Alpha Centauri C) उपनाम प्रॉक्सिमा सेंटॉरी (Proxima Centauri) के नाम से जाना जाता है, जो अल्फा सेंटॉरी ए–बी के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 13,000 AU (Astronomical Unit) दूरी पर स्थित है
जो कि अल्फा सेंटॉरी ए और बी के बीच की तुलना में बहुत अधिक की दूरी है। अल्फा सेंटॉरी सी या प्रॉक्सिमा सेंटॉरी हमें नग्न आँखों से दिखाई नहीं देता है।
यदि यह नग्न आंखों को दिखाई देता, तो प्रॉक्सिमा सेंटॉरी (Proxima Centauri) ब्रहमांड में एक अलग तारे के रूप में ही दिखाई देगा, न कि अल्फा सेंटॉरी प्रणाली के हिस्से के रूप में। अभी भी कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है कि प्रॉक्सिमा सेंटॉरी की कक्षा अण्डाकार या सामान्य।
वैज्ञानिकों के अनुसार अल्फा सेंटॉरी सौर प्रणाली की अनुमानित आयु 4.5 से 7 अरब वर्ष के बीच हो सकती है, जो इन तारों को सूर्य से थोड़ा बड़ा और पुराना बनाती है।
Alpha centauri बाईनरी स्टार सिस्टम-
दो तारो के समूह को बायनरी स्टार सिस्टम कहते हैं, जहां दोनों तारे अपने सांझे द्रव्यमान केंद्र की परिक्रमा करते हैं, इसमें चमकीले तारे को प्रमुख तारा कहा जाता है तथा कम चमकीले और कम द्रव्यमान वाले तारे को साथी तारा कहा जाता है.
बायनरी स्टार सिस्टम का एस्ट्रोनॉमी में महत्व–
बायनरी स्टार सिस्टम का एस्ट्रोनॉमी में बहुत महत्व है क्योंकि इनके द्वारा तारों का द्रव्यमान आसानी से पता लगाया जा सकता है, बायनरी स्टार सिस्टम में दोनों तारे गुरुत्वाकर्षण के बल द्वारा आपस में बंधे होते हैं तथा दोनों एक ही केंद्र की परिक्रमा करते हैं,
हमारे ब्रह्मांड में ज्यादातर तारे बायनरी स्टार सिस्टम के रूप में ही मौजूद है, वैज्ञानिकों का अनुमान है कि करीब 85% तारे बाइनरी सिस्टम बनाते हैं, साथ ही कई स्टार सिस्टम में 2 से अधिक तारे भी होते हैं जिसे मल्टीपल सिस्टम कहा जाता है।
अलग-अलग बायनरी सिस्टम में तारों की दूरी कम या ज्यादा हो सकती है, कई बायनरी सिस्टम तो ऐसे हैं जिनमें दोनों तारे एक-दूसरे आपस में काफी नजदीक होते है तथा दोनों के बीच गैसों/मटेरियल का आदान प्रदान भी होता है,
जबकि कई बायनरी स्टार सिस्टम ऐसे भी मौजूद हैं जिनके तारे आपस में हजारों एस्टॉनोमिकल यूनिट (AU) की दूरी पर स्थित है, और इनका परिक्रमा काल भी हजारों सालों का होता है।
सर विलियम हर्षल (Sir William Herschel– 1738-1822) वे पहले शख्स थे जिहोने बायनरी सिस्टम की खोज की, व्यवस्थित रूप से अध्ययन करने पर उन्होंने आकाश में 703 बायनरी स्टार सिस्टम का एक प्रारूप/चार्ट बनाया.
बाइनरी सिस्टम में दोनों तारे एक अंडाकार कक्षा में केंद्र का चक्कर लगाते रहते हैं, जिसमें कई बार तारों का अंडाकार परिक्रमा पथ काफी लंबा हो सकता है, ऐसे में यह तारे एक दूसरे से काफी दूर भी चले जाते हैं।
बायनरी स्टार सिस्टम कैसे बनते हैं?
वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि जब किसी बड़े तारे का निर्माण होता है तो उसके आस पास बन रही डिस्क या परिपथ कभी कभी टूट जाती है इस टूटी हुई डिस्क से एक नई तारे का निर्माण होने लगता है
जिससे की एक छोटा तारा बन जाता है, दोनों तारे पूरी तरह बनने के बाद एक दूसरे के सांझे द्रव्यमान केंद्र का चक्कर लगाते हैं और एक बायनरी स्टार सिस्टम बन कर तैयार हो जाता है।
अल्फा सेंटॉरी की दूरी–
अल्फा सेंटॉरी बाइनरी स्टार सिस्टम पृथ्वी से लगभग 4.37 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। जो कि 2,77,600 खगोलीय इकाइयों या 41.5 ट्रिलियन किलोमीटर के बराबर है।
साल 1977 में अमेरिकन अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) द्वारा प्रक्षेपित मानव रहित अंतरिक्षयान वोयाजर 1 जिसकी अधिकतम स्पीड 17 किलोमीटर/सेकेंड है, से सेंटोरस तारामंडल तक पहुंचने में हजारों साल लग जाएंगे।
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यदि हमें सेंटोरस तारामंडल तक पहुंचाना है तो हमें प्रकाश की गति के दसवें हिस्से की चाल से यात्रा करनी होगी। थॉमस जेम्स हेंडरसन (स्कॉटिश खगोलशास्त्री) पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होने Royal Observatory के Cape of Good Hopeमें अप्रैल 1832 से मई 1833 के बीच लंबन (parallax) विधि से अल्फा सेंटॉरी की दूरी की गणना की थी।
अल्फा सेंटॉरी के ग्रह–
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अल्फा सेंटॉरी प्रणाली में कम से कम एक ग्रह हो सकता है, जिसे अल्फा सेंटॉरी बी की कक्षा में खोजा गया है, परन्तु अभी पूरी तरह से पुष्टि नहीं हुई है। यदि खोजे गए ग्रह की वास्तव में पुष्टि हो जाती है, तो यह पृथ्वी ग्रह के सबसे निकटतम ज्ञात एक्सोप्लैनेट में से एक होगा।
पृथ्वी से निकटता के कारण स्टार सिस्टम दशकों से खोजों का लक्ष्य रहा है, लेकिन अभी तक किये गए पिछले अध्ययन, किसी भी तारे की परिक्रमा करने वाले ग्रह को खोजने में असफल रहे हैं। पहला ग्रह 16 अक्टूबर, 2012 को जिनेवा की वेधशाला और पोर्टो विश्वविद्यालय के खगोल भौतिकी केंद्र के शोधकर्ताओं द्वारा खोजा गया था।
उन्होंने इस ग्रह को खोजने के लिए रेडियल वेग तकनीक का इस्तेमाल किया था। साल 2012 में खोजे गए ग्रह का विस्तृत विश्लेषण व अवलोकन करने में लगभग 03 साल के लग गए। खोजा गया ग्रह, अपने तारे के रहने योग्य क्षेत्र (habitable zone) में नहीं है,
क्योंकि यह ग्रह अपने तारे के केवल 0.04 खगोलीय इकाई की दूरी पर परिक्रमा करता है, जिस कारण इस ग्रह का तापमान बहुत अधिक है और जीवन पनपने की संभावनाओं की अनुमति नहीं देता है।
खोजे गए अल्फा सेंटॉरी बी-बी, ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी की तुलना में कम से कम 13% अधिक है और सतह का तापमान 1200°C है, जो इसे जीवन का समर्थन करने के लिए बहुत गर्म बनाता है। तुलना के लिए, सौरमंडल के सबसे गर्म ग्रह शुक्र की सतह का तापमान केवल 462°C है।
अल्फा सेंटॉरी बी-बी 06 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर 3.24 दिनों की अवधि के साथ अपने तारे की परिक्रमा करता है, जो कि पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का केवल 4 प्रतिशत है।
यह संभव है कि अल्फा सेंटॉरी ए और बी की परिक्रमा करने वाले अन्य ग्रह भी मौजूद हों, लेकिन अभी तक अल्फा सेंटॉरी अभियान पर की गई खोजें किसी भी प्रकार के पिंड, ग्रह, गैसीय ग्रह या अन्य रंग के बौने उपग्रहों व चीजों को खोजने में सफल नहीं हो पाई हैं।
अमूमन एक ग्रह के लिए, अल्फा सेंटॉरी ए जैसे तारे के रहने योग्य क्षेत्र में मौजूद होने के लिए, उस ग्रह को लगभग 1.25 खगोलीय इकाई की दूरी पर तारे की परिक्रमा करनी होगी, जो कि पृथ्वी और मंगल की सूर्य के चारों ओर की कक्षाओं की दूरी की बीच लगभग आधी दूरी है।
इस दूरी पर, पृथ्वी जैसे ग्रह का तापमान और तरल पानी के अस्तित्व के लिए समान स्थितियां पनपती हैं जहां जीवन सहज ही पनपता है।
यही दूरी अल्फा सेंटॉरी बी जैसे तारे के रहने योग्य क्षेत्र में लगभग 0.7 खगोलीय इकाई या 100 मिलियन किलोमीटर होगी, जो कि तारे के करीब होगा, जो कि सूर्य और शुक्र ग्रह के बीच की दूरी के बराबर है।
अल्फा सेंटॉरी ए (रिगिल केंटोरस)–
अल्फा सेंटॉरी ए तारे का द्रव्यमान हमारे सूर्य से 110% और इसकी चमक हमारे सूर्य से 151.9% अधिक है। यह सूर्य के समान एक मुख्य अनुक्रम तारा है, जिसकी त्रिज्या हमारे सूर्य से लगभग 23% अधिक है।
अल्फा सैटौरी तारे का अनुमानित घूर्णी वेग 2.7 है और लगभग 22 दिनों की एक घूर्णन अवधि है, जो इसे सूर्य की तुलना में थोड़ा तेज घूमने वाला बनाती है, इसे एक चक्कर पूरा करने में 24.47 पृथ्वी दिन लगते हैं।
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अल्फा सेंटॉरी ए रात के आकाश में चौथा सबसे चमकीला तारा है, जिसका स्पष्ट परिमाण –0.01 है, जो आर्कटुरस (-0.04) की तुलना में केवल थोड़ा हल्का है, बूट्स नक्षत्र में सबसे चमकीला तारा है। अल्फा सेंटॉरी ए तारे का पूर्ण परिमाण 4.38 है।
अल्फा सेंटॉरी बी (टोलीमन)–
अल्फा सेंटॉरी बी का द्रव्यमान हमारे सूर्य की तुलना में 90% और इसकी चमक का 44.5% है। यह तारकीय वर्गीकरण K1 V के साथ एक मुख्य अनुक्रम तारा है, जो इसे अल्फा सेंटॉरी ए की तुलना में अधिक नारंगी रंग बनाता है, जो कि पीला है। तारे की त्रिज्या सूर्य से लगभग 14% छोटी है।
अल्फा सेंटॉरी बी में अनुमानित घूर्णी वेग 1.1 है और अनुमानित घूर्णी अवधि 41 दिनों की है। भले ही यह अल्फा सेंटॉरी ए की तरह चमकदार नहीं है, लेकिन यह तारा एक्स-रे में अधिक ऊर्जा का उत्सर्जन करता है।
यदि इसे अल्फा सेंटॉरी ए से अलग एक तारे के रूप में देखा जा सकता है, अल्फा सेंटॉरी स्टार बी 1.33 की स्पष्ट परिमाण के साथ, आकाश में 21 वां सबसे चमकीला तारा होगा, जिसका पूर्ण परिमाण 5.71 है।
अल्फा सेंटॉरी सी (प्रॉक्सिमा सेंटॉरी)–
अल्फा सेंटॉरी सी, जिसे प्रॉक्सिमा सेंटॉरी के नाम से जाना जाता है, 4.24 प्रकाश वर्ष की दूरी पर सूर्य के निकटतम ज्ञात व्यक्तिगत तारा है।
यह गुरुत्वाकर्षण रूप से अल्फा सेंटॉरी ए-बी से बंधा हुआ है और मुख्य जोड़ी (अल्फा सेंटॉरी ए-बी) से 0.24प्रकाश वर्ष, या 0.06 पारसेक (13,000खगोलीय इकाई) या 2.2 ट्रिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अल्फा सेंटॉरी ए-बी के विपरीत, प्रॉक्सिमा सेंटॉरी नग्न आंखों से देखने के लिए बहुत दूर है.
सामान्यत: इसे नग्न आँखों से देखना संभव नहीं है। प्रॉक्सिमा सेंटॉरी का तारकीय वर्ग M5 Ve या VIe से संबंधित है, जिसका अर्थ है कि यह लाल रंग का तारा है, जिसे उप-बौना तारा भी कहा जा सकता है।
प्रॉक्सिमा सेंटॉरी तारे का द्रव्यमान लगभग 0.123 सौर द्रव्यमान है। इसे एक फ्लेयर स्टार के रूप में वर्गीकृत किया गया है, प्रॉक्सिमा सेंटॉरी की चमक कभी-कभी/अचानक नाटकीय रूप से 11.0 या 11.09की परिमाण तक बढ़ सकती है। प्रॉक्सिमा सेंटॉरी तारे का पूर्ण परिमाण 15.53 है।
चूंकि प्रॉक्सिमा सेंटॉरी, अल्फा सेंटॉरी सिस्टम के गुरुत्वाकर्षण से बंधा हुआ है, इसलिए प्रॉक्सिमा सेंटॉरी को इस बाइनरी जोड़ी अल्फा सेंटॉरी ए-बी की परिक्रमा अवधी पूरी करने में लगभग 100,000 और 500,000 वर्षों का समय लग जाता है।
स्टार सिस्टम की परिक्रमा–
अल्फा सेंटॉरी ए और अल्फा सेंटॉरी बी हर 79.91 पृथ्वी साल में एक सामान्य केंद्र की परिक्रमा करते हैं। सितारों के बीच की दूरी 35.6 खगोलीय इकाई (5.3 अरब किलोमीटर) से 11.2खगोलीय इकाई (1.67 अरब किलोमीटर) तक भिन्न हो सकती है।
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यह दूरी लगभग सूर्य और प्लूटो के बीच तथा सूर्य और शनि के बीच की दूरी के बराबर है। अल्फा सेंटॉरी ए और अल्फा सेंटॉरी बी के बीच कोणीय पृथक्करण 02 से 22आर्कसेकंड तक भिन्न होता है। बाइनरी स्टार सिस्टम का कुल द्रव्यमान लगभग 02 सौर द्रव्यमान है।
अल्फा सेंटॉरी का संक्षिप्त विवरण-
- नक्षत्र: सेंटोरस
- दूरी: 4.366 प्रकाश वर्ष (1.339 पारसेक)
- कक्षीय अवधि: 79.91 वर्ष
- पदनाम: अल्फा सेंटॉरी, रिगिल केंटोरस, रिगिल केंट, टॉलीमन, बंगुला, FK5 538, CP(D)−60°5483, GC 19728, CCDM J14396-6050
- अल्फा सेंटॉरी ए: अल्फा –1 सेंटौरी, जीजे 559, एचआर 5459, एचडी 128620, जीसीटीपी 3309.00, एलएचएस 50, एसएओ 252838, एचआईपी 71683
- अल्फा सेंटॉरी बी: अल्फा –2 सेंटौरी, जीजे 559 बी, एचआर 5460, एचडी 128621, एलएचएस 51, एचआईपी 71681
अल्फा सेंटॉरी ए-
- निर्देशांक: 14h 39m 36.4951s (दायां उदगम), -60°50’02.308″ (गिरावट)
- दृश्य परिमाण: –0.01
- निरपेक्ष परिमाण: 4.38
- वर्णक्रमीय वर्ग: G2 V
- द्रव्यमान: 1.100 सौर द्रव्यमान
- त्रिज्या: 1.227सौर त्रिज्या
- चमक: 1.519 सौर चमक
- तापमान: 57900 K
- आयु: 6 Gyr
अल्फा सेंटॉरी बी-
- निर्देशांक: 14h 39m 35.0803s (दायां उदगम), -60°50’13.761” (गिरावट)
- दृश्य परिमाण: +1.33
- पूर्ण परिमाण: 5.71
- वर्णक्रमीय वर्ग: K1 V
- द्रव्यमान: 0.907 सौर द्रव्यमान
- त्रिज्या: 0.865 सौर त्रिज्या
- चमक: 0.500 सौर चमक
- तापमान: 5,2600 K
अंत में–
अल्फा सेंटॉरी हमारे रात के आकाश में तीसरा सबसे चमकीला तारा है, यह वास्तव में दो द्विआधारी तारे हैं जो हमारे सूर्य के समान दिखाई देते हैं, साथ ही प्रॉक्सिमा सेंटॉरी जो अल्फा सेंटॉरी तीसरा के गुरुत्वाकर्षण से बंधा तीसरा ऐसा बौना तारा है, जो हमारे सूर्य के सबसे नजदीक(Closest star to Earth) है।
खगोल विज्ञानियों को अल्फा सेंटॉरी हमेशा से ही एक जिज्ञासा का विषय बना रहा है. पर अभी हमारे पास ऐसी उन्नत तकनीक नहीं है जिससे हम सेंटोरस तारामंडल को अच्छे से खंगाल कर पाएं और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान कर पाएं।
हालाँकि वैज्ञानिकों ब्रह्मांड में निरंतर ऐसे ग्रहों/एक्सोप्लेनेट्स की खोज कर रहे हैं जहां पर जीवन पनपने के संभावना हो, पर इस बारे में भी अभी कोई ठोस कामयाबी हांसिल नहीं हो पाई है…. खैर….
अभी तक मित्र तारा – अल्फा सेंटॉरी (Alpha Centauri) पोस्ट में इतना ही, आशा है आपको पर्याप्त जानकारी अवश्य मिली होगी… अल्फा सेंटॉरी के सम्बन्ध में जब भी कोई नए अपडेट भविष्य में आएंगे, उसे इसी पोस्ट में अपडेट कर दिया जाएगा….
धन्यवाद!
जय हिंद! जय भारत!