सौरमंडल से बाहर पृथ्वी जैसे ग्रहों/एक्सोप्लेनेट की खोज-
खगोलविदों ने हमारी आकाशगंगा में दो नए पृथ्वी जैसे ग्रह (एक्सोप्लेनेट) खोजे हैं, TEEGARDEN-B और TEEGARDEN-C दोनों ही ऐसे एक्सोप्लेनेटस हैं जो हमारे ग्रह पृथ्वी के समानया समतुल्य दिखाई देते हैं, साथ ही शोधकर्ताओं का मानना है कि इन एक्सोप्लेनेटस पर जीवन मौजूद हो सकता है क्योकि यह एक्सोप्लेनेट अपने मेजबान तारे के रहने योग्य क्षेत्र (Habitable Zone) के तहत भी आते हैं।
खगोलविदों ने अभी तक 4000 से अधिक एक्सोप्लेनेटस की खोज की है, हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि इनमें से कुछ एक्सोप्लेनेटस पर जीवन पनपने के लक्षण मौजूद हो सकते है। इन 4000 एक्सोप्लेनेटस में से अब तक 19 एक्सोप्लेनेटस पर पृथ्वी जैसा वातावरण होने की संभावना जताई गई है।
टीगार्डन के तारे की परिक्रमा करने वाले 2 ग्रह दोनों रहने योग्य क्षेत्र में रहते हैं, जहाँ तापमान तरल पानी को मौजूद रहने देगा। Image Credit- गॉटिंगेन विश्वविद्यालय, खगोल भौतिकी संस्थान. |
जिसमें से TEEGARDEN-B और TEEGARDEN-C ऐसे एक्सोप्लेनेटस हैं जो लगभग पृथ्वी जैसा वातावरण अपने पास रखते हैं और अपने मेजबान तारे के रहने योग्य क्षेत्र (Habitable Zone) के तहत भी आते हैं। वैज्ञानिक अनुमानों ने यह संभावना व्यक्त की है कि प्रत्येक तारामंडल के अंतर्गत आने वाले हर सौरमंडल में कम से कम एक ग्रह पृथ्वी की तरह रहने योग्य हो सकता है।
एक्सोप्लेनेट की खोज तहत एक्सोप्लेनेट क्या होते है?
पृथ्वी की तरह रहने योग्य ग्रह (एक्सोप्लेनेट) ब्रह्मांड या सौरमंडल में कहीं भी मौजूद हो सकते हैं। यह एक्सोप्लेनेट अपने मेजबान तारे के बहुत करीब या बहुत दूर स्थित हो सकते हैं। यदि कोई ग्रह अपने मेजबान तारे के बहुत करीब रहता है तो मेजबान तारे से मिल रही ऊर्जा या गर्मी के कारण ग्रह का वातावरण इतना घना और गर्म हो सकता है कि उसकी सतह पर पानी की मौजूदगी न के बराबर हो।
वहीं यदि कोई ग्रह अपने मेजबान तारे से बहुत दूर रहता है तो उस ग्रह का वातावरण इतना पतला या निष्क्रिय हो सकता है साथ ही यदि उस ग्रह की सतह पर पानी मौजूद है तो यह पानी पूरी तरह से बर्फ बनकरजमा हुआ हो सकता है।
प्रत्येक सौरमंडल में, मेजबान तारे के चारों ओर एक ऐसा क्षेत्र होता है, जो तारे के न तो बहुत करीब होता है और न ही बहुत दूर, इसी क्षेत्र को रहने योग्य क्षेत्र (Habitable Zone) या गोल्डीलॉक्स क्षेत्रके रूप में जाना जाता है। हमारी पृथ्वी हमारे सूर्य के रहने योग्य क्षेत्र यानी हैबिटेबल जोन में स्थित है। जहां पर जीवन की कई विविधताएं मौजूद हैं।
हमारा ब्रह्मांड अरबों ग्रहों और खगोलीय पिंडों से भरा पड़ा है जहां एक बड़ा हिस्सा रहने योग्य जीवन के लिए उपयुक्त नहीं है। इसका प्रमाण यह है कि हमारे सौरमंडल में केवल एक ही रहने योग्य ग्रह है, जिसे पृथ्वी के नाम से जाना जाता है। लेकिन ब्रह्मांड में कुछ स्टार सिस्टम या तारामंडल ऐसे हैं जहां पर रहने योग्य ग्रहों की संख्या 02 से 05 तक पहुंच जाती है।
साधारण शब्दों में एक्सोप्लैनेट उन ग्रहों को कहा जाता है जो हमारी पृथ्वी की तरह अपने मेजबान तारे के गोल्डीलॉक्स क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
सुपर हैबिटेबल ग्रह क्या है?
अब तक लगभग 4,000 से अधिक एक्सोप्लैनेटस की पुष्टि हो चुकी हैं। वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के अनुसार एक्सोप्लैनेटस की ये संख्या 100 मिलियन से भी ऊपर हो सकती है। सुपर हैबिटेबलवे ग्रह हैं जो जीवन रूपों को बनाए रखने के लिए पृथ्वी से अधिक उपयुक्त हैं।
अब तक 24 एक्सोप्लैनेटस की पुष्टि की जा चुकी है जो सुपर हैबिटेबल ग्रह या एक्सोप्लैनेटस की श्रेणी में आते हैं।
टीगार्डन तारा (TEEGARDEN SUN)-
टीगार्डन तारा एरिस तारामंडल के अंतर्गत आने वाला एक बौना तारा है जो हमारे सूर्य से लगभग 10 गुना छोटा है। TEEGARDEN SUN हमारे सौरमंडल से 12 प्रकाश वर्ष दूर Aries तारामंडल में मौजूद है। Teegarden’s Star को 2003 मेंखोजा गया था।
इसका नाम डिस्कवरी टीम लीडर, बोनार्ड जे. टीगार्डन के नाम पर रखा गया है, जो नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के एक खगोल भौतिकीविद् (अभी सेवा निवृत्त) हैं।
एक्सोप्लैनेट टीगार्डन बी-
TEEGARDEN-B ग्रह (वैकल्पिक नाम- GAT 1370 b) अपने तारे के रहने योग्य क्षेत्र में मौजूद है जो अपने मेजबान TEEGARDEN (एक लाल बौना तारा, हमारे सूर्य से लगभग 10 गुना छोटा) तारे के चारों ओर परिक्रमा करता है। इसे पहली बार 18 जून 2019 में Calar Alto Observatory के माध्यम से खोजा गया था। यह एक्सोप्लैनेट हमारी पृथ्वी से लगभग 12.4 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।
टीगार्डन-बी एक Super Earth एक्सोप्लैनेट है जो एम-टाइप तारे की परिक्रमा करता है। इसका द्रव्यमान 1.05 पृथ्वी है, इसे अपने तारे की एक परिक्रमा पूरी करने में 4.9 दिन लगते हैं साथ ही यह अपने तारे से 0.0252 AU दूर स्थित है। TEEGARDEN-B में एक वर्ष पृथ्वी पर एक सप्ताह से छोटा होता है।
वैज्ञानिकों ने एक पृथ्वी समानता सूचकांक (Earth Similarity Index-ESI) प्रणाली बनाई। ESI में Earth का मान 1 है, जहां TEEGARDEN-B का ESI मान पृथ्वी की तुलना में0.84 है। कोई भी ग्रह जिसका ESI मान 0.8 से अधिक है, हमारे ग्रह की तरह जीवन को बनाए रख सकता है।
TEEGARDEN-B एक्सोप्लैनेट पर ओजोन परत पृथ्वी की तुलना में अधिक मोटी हो सकती है क्योंकि TEEGARDEN-B अपने मेजबान लाल बौने तारे से उत्सर्जित विकिरण को झेलने के बाद भी अपना वातावरण बनाए रखने में सक्षम है। लाल बौने तारे हमारे सूर्य से 100 गुना अधिक विकिरण उत्सर्जित करते है।
TEEGARDEN-B पर क्या-क्या मिल सकता है-
वैज्ञानिको का मानना है कि एक्सोप्लैनेट TEEGARDEN-B पृथ्वी से अधिक रहने योग्य हो सकता है, इस बात कि संभावित पुष्टि अंतरिक्षीय दूरबीनों से लिए गए चित्रों से कि जा सकती है। हालांकि अभी हम एक्सोप्लैनेट TEEGARDEN-B तक यात्रा करने या जांच हेतु अंतरिक्ष यान भेजने में सक्षम नहीं हैं।
आज की तकनीक का उपयोग करके हमें एक्सोप्लैनेट TEEGARDEN-B तक पहुंचने में लगभग 5,60,000 साल लग सकते हैं, इसलिए प्रकाश की गति से भी तेज गति से चलने के लिए वैज्ञानिक रोज नई-नई तकनीको को विकसित करने या इन कोशिशो पर काम कर रहे हैं।
जब तक ऐसी तकनीकों या अंतरिक्ष यान का निर्माणनहीं हो जाता जो प्रकाश की गति से भी तेज गति से चलने के लिए बने हों तब तक हमें अपने ग्रह पृथ्वी पर रहना होगा, और जीवन के अस्तित्व को सुरक्षित रखना पड़ेगा।
अंत में-
जिस तरह से आज पृथ्वी के संसाधन धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं, इसे देखते हुए वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब हमें अपना अस्तित्व बचाने के लिए किसी एक्सोप्लैनेट पर स्थानांतरण करना पड़े और अपना नया घर बसाना पड़े।
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जय हिंद! जय भारत!