अमीर बनने के 06 गोल्डन नियम | 06 Golden Rules of Getting Rich

अमीर बनने के गोल्डन नियम: ज के समय में अमीर बनना कौन नहीं चाहता? हर किसी की चाह होती है कि वह खूब सारा पैसा कमाए, रातो रात करोड़पति कैसे बने और अपनी जिंदगी को ख़ुशियों से कैसे भर दे

आपने सुना जरूर होगा कि पैसों से खुशिया नहीं खरीदी जा सकती ये खासकर उनके बोल होते हैं जिन्हें पैसे की सबसे ज्यादा भूखहोती है और पैसा इनके पास होता नहीं है, लेकिन आप अपने इर्द-गिर्द नज़रे उठा के देखिए हर कोई पैसा कमाने की होड़ में लगा हुआ है। और लगा ही नहीं अपितु जी-तोड़ और कमर-तोड़ मेहनत भी कर रहा है। 

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क्या आपको पता है कि अमीर बनने के लिए क्या करना जरूरी है? और जो लोग अमीर होते हैं उनकी सोच पैसो के मामलो में कैसी होती है? अगर नहीं तो ये पूरी पोस्ट आपके लिए ही है. गौर से इस पोस्ट (गरीब से अमीर कैसे बने) की हर पंक्ति पढियेगा-

अमीर लोगों की पैसों के मामले में सोच

मीर लोगों की पैसों के मामले में सोच बड़ी असाधारण और अनोखी होती है क्योंकि वे पैसों को कमाने के लिए ऐसी योजना (Planning) बनाते हैं कि इन्हें जिंदगी में कभी भी कुछ भी खरीदने के लिए दोबारा कोई योजना बनाने की जरूरत ना पड़े। इनकी बेहतरीन योजना तब और ज्यादा सफल हो जाती है इन्हें जब कोई चीज पसंद आ जाए और खड़े-खड़े ही उसे खरीद लें। 

क्या आपको पता है कि अमीर लोग क्या सोचते हैं अमीर बनने के लिए? अगर नहीं! तो जान लीजिए कि ये लोग इस चक्कर में नहीं पड़ते हैं कि इस महीने इतना पैसा कमाएंगे, उस महीने इतना खर्च करेंगे। तब जाकर इतने सालों में खुद को अमीर कहेंगे। 

यह पोस्ट उनको समर्पित है जो अमीर बनना चाहते हैं मतलब अमीर कैसे बनेंगे? अमीर बनने के कुछ नियमों को समझना बेहद जरूरी है। अगर आप इन नियमों को समझ लें तो हो सकता है कि अगले अमीर व्यक्ति आप ही बन जाओ। 

गरीब! इंसान नहीं बल्कि गरीब उसकी सोच होती है। तभी तो बुद्धिमान लोग गरीबों (पैसों से गरीब) को गरीब नहीं बल्कि गरीब सोच वाले लोगों को गरीब बोलते हैं। इसी तरह अमीरी इंसान से नहीं बल्कि उसकी अमीर सोच से होती है और अपनी अमीरी सोच के कारण ही इनको रिच माइंडेड कहा जाता है। 

क्योंकि अमीरी पैसों से नहीं होती बल्कि अमीरी दिमाग की सोच में होती है। इसीलिए अमीरों को दूसरे शब्दों में आर्थिक रूप से बुद्धिमान लोग (Financially Intelligent People) भी बोलते हैं।  यहां पर आपको दो बातें समझनी जरूरी है। 

पहली तो यह कि आज आप अमीर क्यों नहीं हो?” “उसका सबसे बड़ा कारण क्या है?” और दूसरी बात यह किअब आप अमीर कैसे बनो?” मतलब अमीर बनने के लिए लक्ष्य कैसे बनायें।

आज आप दुनिया का कोई सा भी काम कर रहे हैं या नहीं कर रहे हैं या करने वाले हैं तो यह पोस्ट आपके अमीर बनने के सपनों को सच कर सकती है। 

कोई एक चीज अगर इन सफल अमीरों को बाकी लोगों से अलग बनाती है तो वह है उनके कमाई करने के स्रोत (source of earning) यानी पैसा कमाने वाला मनी माइंड सेट (Money Mind Set) या रिच माइंड सेट (Rich Mind Set) या पैसे कमाने वाली सोच 

क्या आपने कभी गौर किया है कि आज आप अमीर क्यों नहीं हो?” चलिए थोड़ा विचार करते हैं और आपके अंदर झांकते हैं। गौर कीजिएगा ये बातें, जो आपसे संबंधित है अथवा नहीं।

आज आप दिन में कितनी बार पैसो के बारे में सोचते हैं?” “आप कितना चिढ़ते हैं इन अमीर लोगों से“, या फिर खुद को कितना कोसते हैं?” या अपनी डिग्रीयों (Degrees) को, कि ये काम की नहीं है।मैं किसी काम का नहीं हूं। इत्यादि……. इत्यादि।

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मेरे दोस्त अमीर बनने के लिए किसी डिग्री का होना जरूरी नहीं है बल्कि एक दूसरी चीज, डिग्री वाली पढ़ाई से भी ज्यादा जरूरी है। उसको बोलते हैं पैसों के बारे में आपकी समझ मतलब Financial intelligence. एक-एक लाइन पर गौर करते रहिए और अंत तक आप जान जाएंगे कि पैसा कमाने के नियमक्या हैं

अधिकतर गरीब और मध्यम वर्ग (Poor and middle class) के लोग यही सोचते हैं बल्कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि उनको ऐसा सिखाया या बताया जाता है कि बस पैसा कमाओ कैसे भी करके?”पैसा कमाओ, पार्ट-टाइम नौकरी (Job) करो, श्रृंखला-बद्ध (Chain marketing– MLM) से पैसा कमाओ, जैसे भी हो पैसा कमाओ और कमाते रहो 

एक के पीछे दूसरा और दूसरे के पीछे तीसरा हर कोई वैसा ही कर रहा है तभी तो हर कोई वैसा ही बना हुआ है। गरीब और मध्यम वर्ग को सिखाया जाता है कि पैसा कमाना है तो पहले पढ़ो-लिखो और डिग्री हासिल करो फिर किसी और के सपने पूरे करने के लिए, किसी और को अमीर बनाने के लिए उसकी नौकरी (Job) करो। कुल मिलाकर पहले दूसरों के सपने पूरे करो 

क्या आपको पता है? कि आप जिसके नीचे (Under) काम कर रहे हैं। हो न हो वह पक्का अमीर जरूर बन जाएगा। जरा सोचिए खुद के बारे में, दूसरों के लिए ही काम करते रहेंगे तो खुद कब अमीर बनेंगे? इसी को कहते है गरीब सोच।

यानी कि गरीब सोच वाले लोग जिनके पास बड़ी-बड़ी डिग्रीयां तो है, लेकिन पैसों के बारे में समझ (Financial intelligence) की कमी है। ये अधिकतर ऐसा सोचते हैं कि ज्यादा डिग्रीयां मतलब ज्यादा पैसा, ज्यादा शारीरिक कार्य या मेहनत (Physical work) मतलब ज्यादा पैसा और ज्यादा अतिरिक्त कार्य या मेहनत (Extra Work/Duty) मतलब ज्यादा पैसा।

और इन्ही में से कुछ लोगों की बात करें तो जो आज के दौर में अच्छी-खासी प्रतिष्ठित (Reputed) नौकरी (Job) कर रहे हैं या उस तरह की नौकरी (Job) कर रहे हैं जिसका ट्रेंड (Trend) या फ़ैशन है अपने समाज में या फिर मजबूरी में भी कर रहे होंगे। अच्छे खासे पढ़े-लिखे हैं और पैसा भी अच्छा कमा लेते हैं। लेकिन फिर भी अमीर नहीं बन पाते। क्यों?

उनका माइंडसेट या उनकी सोच कैसी होती है? उसके बारे में आपसे थोड़ी चर्चा करता हूं। ये लोग पैसा तो कमाते हैं लेकिन ऐसा सोचते हैं कि अमीर बनना है तो जितना खर्चा बचा सकते हो, उतना खर्चा बचा लो। यह बात मेरी समझ के परे है क्योंकि कोई केवल खर्चा बचाकर अमीर बन सकता है क्या? तो इसका जवाब है नहीं! 

मान लीजिए अगर किसी इंसान को एक अमीर इंसान ने एक करोड़ रुपया हाथ में थमा दिया और कहा यह रुपया अब तुम्हारा है, तो वह क्या करेगा? अगर वह गरीब सोच का है तोदुनिया की तरह एक के पीछे एक भेड़ चाल में फंसा ही रहेगा। उसकी सोच कुछ ऐसी हो सकती है कि भाई पैसा बचाओ और अमीर बने रहो। 

और इसी सोच के कारण उसने वो पैसे वैसे के वैसे रख दिये और आगे के 10 साल तक सोचता रहा कि मैं तो अमीर हूँ। मेरे पास एक करोड रुपए हैं, उसकी यही आदत एक दिन उसे बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा देती है.

यहां आपको समझना जरूरी है कि केवल हार्ड वर्क करके या पैसा बचाने से कोई अमीर नहीं बनता, मेरे दोस्त। महंगाई नाम की चीज भी होती है जो यह तय करती है कि आपके पास जितने पैसे हैं, उनकी आज के समय में क्या कीमत (Value) है

जो चीज 10 साल पहले ₹5 रुपए की आती थी। हो सकता है वही चीज आज समय में ₹500 की आ रही हो। लेकिन पिछले 10 सालों में उसके एक करोड़ के एक करोड़ ही हैं। बाजार (market) में जो चीज पहले एक करोड़ की आती थी, वह तीन करोड़ की हो गई। पिछले 10 साल से वह सोचे पड़ा था कि वह अमीर है लेकिन आज उसके साथ क्या होता जा रहा है, गरीब होता जा रहा है।

क्या आप अमीर बोलेंगे उसको? भले ही उसको उसके मन में शांति है कि उसके पास एक करोड रुपए हैं, लेकिन वह दिन-प्रतिदिन गरीब और गरीब  होता जा रहा है। एक गरीब मध्यम वर्ग (Poor and middle class) और एक अमीर इन दोनों में यही मूल रूप से (Basically) फर्क होता है। (यह तथ्य सोच पर आधारित है न की आर्थिक स्तर पर)

अमीर लोग केवल अतिरिक्त शारीरिक श्रम (Extra Physical Work) और बचत (Savings) करके ही अमीर नहीं बनते बल्कि अमीर लोग दिमाग लगाकर पैसों से पैसे बनाते हैं। निवेश (invest) करते हैं, वो पैसों की कीमत (Value) को गिरने नहीं देते। 

मान लीजिए वही एक करोड़ अगर किसी अमीर सोच वाले (Money Minded Man) इंसान के पास जाता तो वह उसके 10 साल में 10 करोड़ तो कर ही देता या फिर 50 करोड़ कर देता। यही कारण है कि गरीब सोच वाले इंसान को कितने भी पैसे दे दिये जायें लेकिन वह कुछ दिनों बाद फिर अपने उसी स्तर यानी की गरीबी पर लौट आएगा। वहीं अमीर सोच वाला इंसान अमीर से और अमीर होता चला जाएगा। 

चूंकि गरीब सोच वाला या तो पैसा बचा के रखेगा या खर्च भी करेगा तो ऐसी जगह पर खर्च करेगा जहां से उसको वापस कुछ नहीं मिलने वाला। जैसे महंगी कार ले लेगा, महंगा घर ले लेगा। जरूरत से ज्यादा मौज-मस्ती करेगा और वापस से कुछ दिनों में गरीब होकर बैठ जाएगा। 

देखा जाए तो जो गरीब सोच वाले लोग होते हैं वो शरीर से काम करने में ज्यादा यकीन रखते हैं। नौकरी करते हैं, खर्चा बचाते हैं।वहीं जो अमीर सोच वाले इंसान या लोग होते हैं वह शरीर की बजाए अपनी उस समृद्ध मानसिकता (Rich Mindset) से काम करते हैं। 

गरीब मानसिकता (Poor Mindset) वाले नौकरी करने के बारे में सोचते हैं और वहीं जो समृद्ध मानसिकता वाले लोग होते हैं उनकी सोच कुछ ऐसी होती है कि वे पूरे बाज़ार और क्षेत्र का निरीक्षण करते हैं और सोचते हैं कि कैसे नया काम या नई नौकरी सृजित (Create) की जाए। 

अपनी खुद की परिस्थिति को कैसे सूद्रण करूं? खुद का व्यापार(Business) कैसे करूं? ये लोग खुद नौकरी नहीं करते बल्कि खुद से ज्यादा बुद्धिमान और डिग्री होल्डर लोगों से अपने नीचे नौकरी करवाते हैं। पैसों का निवेश (Invest) करते हैं और पैसों से पैसे बनाते हैं। ऐसे लोगों को ही अमीर सोच वाला (Money Minded Man) इंसान कहा जाता है।

अमीर सोच वाले व्यक्ति ही अमीर बनते हैं। इंसान के हालात गरीब सिर्फ तब तक होते हैं जब तक उसकी सोच अमीर नहीं हो जाती। अमीर लोग डिग्रियों के पीछे नहीं बल्कि ज्ञान (Knowledge) के पीछे भागते हैं। अपने पड़ोसी के महंगी कार लेने पर वह जलते (Jealousy) नहीं है बल्कि वो निरीक्षण करते हैं कि अभी बाज़ार में क्या बिक रहा है किसका ट्रेंड चल रहा है। उसके बारे में खोज और विश्लेषण और जानकारी प्राप्त करते हैं। 

अमीर लोग शिकायतें (Complaint) नहीं करते, नई-नई चीजें और हुनर सीखते हैं। जबकि विक्षिप्त या गरीब सोच वाले लोग हमेशा शिकायतें करेंगे जैसे- महंगाई बहुत है और खर्चा करना सीख जाएंगे। 

इसमें बुरा मत मानिएगा क्योंकि मैं किसी के हालातों को देखकर गरीब नहीं बोल रहा हूं बल्कि उसकी सोच में क्या है?, उसी के हिसाब से गरीब बोल रहा हूं क्योंकि असल में वास्तविक रूप से कोई भी गरीब नहीं होता 

क्या कमी है उसमें? सिर्फ पैसों की समझ यानी Financial intelligence की जानकारी की। उस समृद्ध मानसिकता की जो उसके अंदर पैसे वाले दिमाग को जागा सकता है। एक राज की बात बताउं आपको यह जो समृद्ध मानसिकता है ना वह किसी की डिग्री की मोहताज नहीं होती है। 

ऐसे कई लोग हैं जो आपको अपने आस-पास मिल जाएंगे, जो आपसे कम पढ़े-लिखे हैं लेकिन आपसे ज्यादा पैसे वाले हैं क्योंकि उनके पास समृद्ध मानसिकता और पैसों की समझ यानी Financial intelligence है और अगर आपके अंदर नहीं है ये पैसों वाली समझ तो अब आप वही सीखने वाले हैं। 

जो पैसों की समझ यानी Financial intelligence वाले लोग होते हैं। उन लोगों की कोशिश हमेशा यही रहती है कि इससे पहले कि समय उनके पैसों की कीमत कम कर दे। उनको उन्हीं पैसों की संख्या बढ़ा देनी है यानी की महंगाई उनको दबाए। 

इसके पहले वह महंगाई को दबा दें और इसके लिए वह क्या करते हैं? निवेश (Investment) यानी कि फालतू खर्च करने के बजाय पैसा किसी ऐसी जगह लगाओ जहां पर वह और अधिक पैसा कमाए उसका अच्छा रिटर्न्स मिले। उसकी कीमत बढ़े क्योंकि महंगाई बढ़ेगी। 

उसकी वास्तविक कीमत कम होने से पहले ही उस पैसे की कीमत को इतना बढ़ा देना है कि महंगाई आपका कुछ बिगाड़ न सके और आप दूसरे लोगों से  ज्यादा पैसे वाले बन जाओ। अब आपको लगेगा कैसी फालतू की बात है? पैसों का निवेश करने के लिए भी तो पैसा चाहिए, उसके लिए तो काम करना ही पड़ेगा। 

बिल्कुल सही बात है काम तो करना ही पड़ेगा क्योंकि बिना मेहनत किए कुछ भी नहीं होता। पर एक रोचक बात यह है कि लोग शारीरिक परिश्रम करते ही रह जाते हैं या महीने की पगार का इंतजार करने में रह जाते हैं। क्योंकि उन्होने कई सारे उधार (Loan) लिये होते है जिस कारण उनके मन में असुरक्षा (Insecurity) की भावना आ जाती है। 

जैसे- अगर मेरी जॉब चली गई तो फिर मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा। वो कभी शरीर को छोड़कर बाहर आना ही नहीं चाहते, दिमाग में घुसना ही नहीं चाहते। दिमाग के विचारों को समझना ही नहीं चाहते। अब देखिये आपको क्या करना है? कैसी सोच (Mindset) रखनी है अमीर बनने के लिए

मान लीजिए आप नौकरी कर रहे हैं या कुछ महीने बाद आपका नौकरी करने का विचार है तो उससे जो भी पैसे कमाओ उस पैसे को आप इस तरह से प्रबंधित (Manage) या निवेश करें कि जितना आपका व्यक्तिगत (Personal) और मासिक खर्चा होता है उतना आपको अपने निवेश (investment) से ही मिल जाए। 

मतलब आपका मासिक खर्चा है ₹20,000 तो आपको इस तरह से निवेश करना है कि आपको जो मासिक खर्चा है वह आपको आपके द्वारा किए गए निवेश से ही मिल जाए।

अगर आप अभी Rich Mindset को समझ लोगे तो इनको प्रयोग करने के तरीके तो बहुत सारे हैं। अब मैं आपको कुछ बहुत ही सामान्य आदर्श नियम (Golden rules) बताने जा रहा हूं जो कि आप को गरीब सोच या गरीब मानसिकता (Poor Mentality) से निकाल कर के एक अमीर व्यक्ति बना सकते हैं। इन्हीं में से जो पहला नियम है-

अमीर बनने का गोल्डन नियम न0 1-

आपको अपने दिमाग को यह बात समझानी है कि मैं अमीर बनना चाहता हूं (I want to become rich), मुझे अमीर बनना है। आज मैं जो शारीरिक रूप से (physically involved) नौकरी कर रहा हूं, उससे मुझे बाहर निकलना है। आज जिस चक्र के अंदर या जिस मकड़ जाल में फंसा हुआ हूं, उससे मुझे बाहर निकालना है। (आपको बाहर निकलने की कोशिश करनी है।)

ये बातें सबसे पहले आपको आपके दिमाग मेंसोचनी है क्योंकि कोई भी काम पहले दिमाग में होता है। उसके बाद फिर वह वास्तविकता में होता है तो सबसे पहले आपको अपनी मानसिकता (Mindset) बनानी है कि मुझे अमीर बनना है।

अमीर बनने का गोल्डन नियम न0 2-

जितना आप ज्ञान ले सको विशेष तौर पर पैसों का ज्ञान निवेश के बारे में। जैसे कि चतुराई से निवेश (Investment) कैसे करते हैं? संपत्ति, परिसंपत्ति, जायदाद (Assets) क्या होते है? दायित्व या उत्तरदायित्व (Responsibility) क्या होता है? और देयताएं या देनदारियाँ (Liabilities) क्या होती है

यह कोई बहुत बड़ी चीजें नहीं हैं आपने अपने स्कूलिंग टाइम में किताबें तो पढ़ी ही होंगी तो बस यह भी एक किताब की तरह है। आप इस किताब को पढ़ो और समझो। पढ़ने से ज्यादा इसे समझने पर ध्यान दो। 

जैसे जो चीजें आपके पॉकेट में पैसा डालती है, आपको पैसे कमा कर के देती है। उनको बोलते हैं संपत्ति, परिसंपत्ति, जायदाद। और वहीं जो चीजें आपके पॉकेट से पैसा बाहर निकालती हैं उनको बोलते हैं देयताएं या देनदारियाँ।

उदाहरण के तौर पर आपने एक थोड़ी कार ले ली। कार लेने का मकसद यह था कि आप उस कार को टैक्सी सर्विस के लिए उपयोग में लेना चाहते हैं तो क्या होगा? आप पैसे भी कमाओगे उससे और कार तो है ही आपकी जायदाद। 

लेकिन वहीं अगर आपने महंगी कार ले ली तो आप हर साल उसका बीमा (Insurance) करवाओगे, पेट्रोल या डीज़ल डलवाओगे, उसकी मरम्मत (Servicing) करवाओगे। तो क्या हो रहा है? आपका खर्चा हो रहा है मतलब आपकी देनदारियाँ बढ़ गई है। 

तो अगर आपको अमीर बनाना है तो आपको जायदाद बढ़ाने चाहिए और देनदारियाँ को कम से कम करना चाहिये। पैसों की गणित सीखनी चाहिए कि आपको कितने समय के बाद में कितने पैसे चाहिए

मेरे लिए पैसों का लक्ष्य (Financial target) क्या है? कहां पर कितना पैसा निवेश करूं तो कितना प्रतिशत (Percent) मुझे वापसी (Return) में मिल रहा है। कहां से मैं पैसा बचा सकता हूं? कहां कितना पैसा डालकर मैं अपने पैसों का लक्ष्य (Financial target) हासिल (Achieve) कर कर सकता हूं? इसी चीज को समझना है कि बचत और निवेश (Saving and Investment)  में क्या फर्क है?

अमीर बनने का गोल्डन नियम न0 3-

जब भी आप खरीदारी (Shopping) करते हैं तो खरीदारी करते समय आप अपने फैसले (Decisions) बड़ी सोच समझ कर लेने चाहिए। कहीं आप कोई ऐसी चीज तो नहीं खरीद रहे जो आपको बार-बार फिर से खर्चे करवाने वाली है। 

मतलब आपकी देनदारियाँ यानी कि आपने देखा कि आपके पड़ोसी ने A.C. लगा रखा। घर में एक कार ले रखी है तो आप क्या करोगे?, चलो मैं भी ले लेता हूं। इन सब चीजों को खरीदने से कोई अमीर नहीं बनता। जो अमीर लोग होते हैं। उनकी खरीदारी का जो फोकस होता है, वह होता है कि मैं जायदाद कैसे खरीद दूं। 

तो अमीर लोग क्या करते हैं, कहीं पर जमीन ले लेंगे, कहीं पर रेंटल प्रॉपर्टी ले लेंगे, बिजनेस पार्टनर बन जाएंगे, कुछ मशीनरी को खरीद लेंगे- उसको किराया परदे देंगे तो यहां से वह क्या करते हैं? यहाँ से वो अपनी आय (Revenue) कमाते या पैदा करते हैं और फिर उसी पैसे को आगे भी निवेश कर देते हैं। 

तो आप भी खरीदारी (Shopping) करते समय अपने फैसले (Decisions) ऐसे लें जिनमें देनदारियाँ कम और जायदाद के निर्णय ज्यादा हों।

अमीर बनने का गोल्डन नियम न0 4-

आपको जो मासिक खर्चा (Monthly Expenditure) है उसका हिसाब (Calculation) जरूर करिए। मान लीजिये आपका मासिक खर्चा ₹20,000 है और आपकी जो मासिक आय (Monthly Payment) मिलती वह है ₹50,000 मान लीजिए उदाहरण के लिए। 

आपने उसमें से ₹20,000 बचा लिए और बाकी जो ₹30,000 बचे, उसमें से आपको कोई इमरजेंसी पड़ती है तो आपको कितने पैसों की जरूरत होगी। तो आपने ₹15,000 अपने इमरजेंसी के लिए बचाकर के रख लिए, इसके बाद बाकी बचे ₹15,000 का आप निवेश करो। 

जो सफल अमीर आदमी होता है। वह क्या करता है? पहले निवेश (Investment) करता है फिर उसके बाद में जो बचता है उससे खर्चा निकलता है। वहीं गरीब सोच वाला क्या करता है? पहले खूब खर्चा करेगा।

उसके बाद में जो बचा-खुचा हुआ है जो महीने के आखिर में बचेंगे। वो सोचेगा क्या निवेश करें, छोड़ो! अगली बार निवेश करेंगे। तो पहले आपको निवेश करना है फिर उसके बाद में जो बच रहा है उससे खर्चा निकलना है। 

अमीर बनने का गोल्डन नियम न0 5-

आपको थोड़ा-सा लंबा और गहरा सोचना है। कोई एक-दो हफ्तों में या एक-दो महीनों में या एक-दो साल में अमीर नहीं बनता है। वह संयोग या लक (Coincidence or luck) वाली बात पता नहीं होती कि नहीं होती। 

लेकिन ऐसा कभी नहीं होता कि अगर आप मेहनत कर रहे हो तो उसका फल न मिले। हां आने में थोड़ा समय जरूर लगता है। और अगर आप अमीर बनने की बात कर रहे हैं तो मैं आपको कहना चाहूंगा कि कम से कम 10 साल तो जरूरी हैं। अगर आप 10 साल आगे का सोचकर जो भी काम कर रहे हैं तो उसका नतीजा (Result) आने वाले 10 सालों में क्या होने वाला है। 

इससे क्या होगा? आप अगर सोच समझकर कदम उठाएंगे तो आने वाला परिणाम भी अच्छा ही रहेगा और वही अगर आपने आज कुछ गलत काम किया तो उसका परिणाम भी आपको वैसा ही मिलेगा। अगर आप 10 सालों के लिए कोई योजना बनाकर काम किया। 

अगर आपसे कोई गलती हो जाती है तो आपके पास समय है आप उस गलती को सुधार सकते हैं और अपने आपको  सफल बना सकते हैं और सफल इंसान ही आज अमीरों में गिने जाते हैं।

अमीर बनने का गोल्डन नियम न0 6-

आपको जोखिम (Risk) लेना ही पड़ेगा। बिना जोखिम लिए कुछ नहीं मिलता। एक सफल निवेशक (Successful Investor) ने कहा है कि आप जोखिम को खत्म नहीं कर सकते। आप उसको सिर्फ प्रबंधित (Manage) कर सकते हो।” 

सफल बनने के लिए या अमीर बनने के लिए आप जहां पर अपना पैसा लगा या निवेश (Invest) कर रहे हैं, वहां पर आपको जोखिम लेना ही पड़ेगा। लेकिन आपको उस जोखिम का प्रबंधन (Management) करना आना चाहिए। 

उदाहरण के तौर पर मान लीजिये आपने कहीं पर पैसे लगा दिये मतलब पैसों का निवेश कर दिया। लेकिन आपका कारोबार या काम (Work) घाटे में जा रहा है तो आपको अपने कारोबार या काम को बढ़ाने के लिए। 

मतलब Survivor करने के लिए अपने पास Back-hand में एक आपातकालीन फ़ंड (Emergency fund) रखना जरूरी है क्योंकि इस समय आपका निवेश जोखिम पर है तो आप इस आपातकालीन फ़ंड के पैसे से अपना काम निकाल सकते हैं। आपकी हालत खराब नहीं होगी। 

अंत में-

तो यही है अमीर बनने के 06 गोल्डन नियम (Golden Rules) की मूल बातें जो मैंने आपके सामने रखी। अगर इनको आप प्रयोग में लेंगे और जो आपको ऊपर मत या सिद्धांतबताया है कि अमीर और गरीब सोच (Rich & Poor Mindset)वाले लोगों में क्या फर्क होता है? तो मुझे इतना तो विश्वास है कि आपकी जो अमीर बनने की यात्रा है वो शुरू हो जाएगी।

आशा है कि आपको इस लेख ने पैसों की समझ की थोड़ी बहुत जानकारी जरूर मिली होगी…ऐसी ही दिलचस्प बातों को जानने के लिए वेबसाइट को बुकमार्क अवश्य कर लें… साथ ही लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ share करना न भूलें… अभी तक के लिए इतना ही….

धन्यवाद!

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