कितने जीनियस हैं आप दूसरों से । How you Genius from others

अमूमन आज के परिवेश में जीनियसउसे समझा जाता है, जिसमें असाधारण बौद्धिक क्षमता, गहन रचनात्मकता, शैलियों में परखने की क्षमता, पैटर्न को अलग-अलग पहचानने का गुण और समस्याओं का जल्द एवं सटीक समाधानखोजना आदि शामिल है। 

खासतौर पर समाज में मौजूद चीजों को एक अलग ढंग से देखने का नजरिया किसी भी सामान्य इंसान को एक अलग और अनोखा इंसान बनता है जो कि जीनियस होने की पहली सीढी मानी जाती है।

तो प्रश्न उठता है कि क्या आप एक जीनियस हो? या कैसे पता चलेगा कि आप एक जीनियस हो? साथियों आज इस लेख के माध्यम से हम आपको ऐसी ही कुछ बातों के बारे में बतायेंगे जो अगर आपमें हैं, तो मानिए या चाहे न मानिए अंदर ही अंदर आप एक जीनियस हैं, और यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि हमारा विज्ञान कह रहा है। 

जीनियस होना किसे कहते हैं-

असल में जीनियस होने का पता लगानाइस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति किसी बात, समस्या, क्रिया अथवा तथ्यों पर कितनी जल्दी और कितना सटीक समाधान ढूंढ लेता है, यह पूरी तरह से उसकी अर्जित की गई नालेज (ज्ञान) और अनुभव पर निर्भर करता है।

आज हमने जो भी ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति या उपलब्धि प्राप्त की हैं यह सब कुछ असाधारण बौद्धिक क्षमता और गहन अध्ययन के कारण ही संभव हो पाया है। जिसे हममें से ही कुछ अनोखे इंसानों ने कर दिखाया है।

असल में कहा जाए तो जीनियस होने की कोई प्रमाणिक परिभाषा अभी तक बनी ही नहीं है, लेकिन कुछ दार्शनिकों, लेखकों, प्रतिभावानों और कल्पनाशील लोगों ने अपनी-अपनी समझ से अलग-अलग तरीकों से समझाने की कोशिश की है. 

पर देखा जाए तो ये कसौटी तब असक्षम महसूस होती है जब कोई मंदबुद्धि व्यक्ति सामान्य कल्पना से परे अपनी छिपी विशेष योग्यता के साथ समाज में अपनी मौजूदगी दर्ज करता है.

अब प्रश्न उठता है कि क्या विशेष योग्यता रखना ही किसी इंसान को जीनियस होना बनाता है? जवाब है नहीं! क्योंकी विशेष योग्यता रखना मात्र विषय विशेषज्ञ होना होता है जिसे जीनियस होने के सन्दर्भ में लिया जा सकता है. 

असल में जीनियस होना कई बातों और तथ्यों पर निर्भर करता है, दुनिया का हर इंसान अपने आपमें अनोखा और विलक्षण होता है, और सबका स्वभाव और क्षमताएँ भी अलग-अलग होती है.

हालांकि मनोविज्ञान के क्षेत्र मेंअध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं ने इंसानी स्वभाव की कुछ आदतों पर गौर से गहन अध्ययन किया और निष्कर्ष में बताया है कि एक अनोखे इंसान (जीनियस) को कैसे पहचाना जा सकता है? 

जो समाज को सामान्य की अपेक्षा अपनी एक अलग दृष्टी से देखते हैं. तो ये अनोखे स्वभाव व आदतें क्या हैं, जिनसे मैलिक तौर पर किसी अनोखे व्यक्ति की पहचान की जा सकती है-

शांतिप्रिय एकांत में रहना-

जीनियस के लक्षणों में सबसे पहले नंबर पर आता है Silence या शांतिप्रिय होना। अगर आपको भी शांत और एकांत में रहना पसंद है और दूसरों के मुकाबले थोड़ा कम बोलना पसंद है तो इस गुण के कारण आप जीनियस की श्रेणी में शामिल हो सकते हैं.

या फिर आपकी स्वभाविक आदत है कि आपको लोगों के बीच ज्यादा बोलना पसंद नहीं है और शांति व एकांत जैसी जगहों पर रहना खूब भाता है तो आपमें जीनियस बनाने का एक अनोखा गुण स्वतः विद्यमान है। 

बस आपको अपना लक्ष्य तय करना है और लक्ष्य पाने के लिए पूरी तन्मयता से लग जाना है, असल में शांत और एकांत में रहने की आदतआपको एक जीनियस बनाती है।

नाखून चबाने की आदत-

आप सोच रहे होंगे कि ये तो बड़ी ही शर्मिंदा करने वाली आदत है लेकिन हमारे वैज्ञानिकों ने हमारी इस नाखून चबाने की आदतपर एक अध्ययन किया था, जिसमें 1000 लोगों को शामिल किया गया था और यह अध्ययन लगभग 01 साल तक चला, 

जिसमें 500 ऐसे लोग थे जो कि आपने नाखून चबाना पसंद करते थे और वहीं 500 ऐसे लोग थे जो कभी भी अपने नाखून नहीं चबाते थे। इस अध्ययन के अंतिम परिणाम में यह पता चला कि जो लोग अपने नाखून चबाना पसंद करते थे, 

उनकाI.Q. level या बुद्धिमत्ता दूसरों के मुकाबले काफी ज्यादा विकसित और उन्नत थी।इसके पीछे विज्ञान का यह तर्क है कि जो लोग अपने नाखून चबाते हैं वह हर समय किसी ना किसी बात पर काफी ज्यादा गौर करते हैं।

वे हर बात को अपने दिमाग की पूरी गहराई से तर्क सहित सोचते हैं। ऐसे लोग अपनी धुन में पूरी तरह से रमे होते हैं और समस्याओं का सटीक समाधान खोजने की कोशिश कर रहे होते हैं। 

रात को देरी से सोना-

क्या आपको भी रात में देरी से सोना पसंद है? या आप भी सही समय पर सोना पसंद नहीं करते। अगर आपमें भी इस तरह की कोई आदत है तो आप बधाई के पात्र हैं। कई अध्ययनों के बाद अब यह पूरी तरह से साबित हो चुका है कि जो लोग रात को देरी से सोते हैं,

उनकी बुद्धिमत्ता, दूसरों के मुकाबले बहुत उन्नत एवं विकसित होती है। हमारे विज्ञान का मानना है कि समझदार लोग यानी कि बुद्धिमान लोगरात को अपना काम करने के लिए जागते हैं। एक विलक्षण और अनोखे इंसान (जीनियस) का दिमाग रात के सन्नाटे/शांति में प्रभावी/अच्छे तरीके से काम करता है।

लगभग हर समझदार मतलब जीनियस इंसानआज के दौर में अपना काम रात को ही करना पसंद करता है। वैसे भी अगर इतिहास में भी देखें तो महान लोगों में से जैसे- Steve Jobs और Nikola Tesla को भी रात को देरी से सोने की आदत थी। 

आलस्य या laziness होना-

इसे पढ़कर आपको ज़रा अटपटा सा जरूर लगा होगा। हो सकता है कि आपको यह बात पूरी तरह से वाहियात भी लगी हो, मगर आलस्य या laziness भी जीनियस होने का हिस्सा या लक्षण हो सकता है। 

शायद आप सभी को इस बात पर विश्वास ना हो पर विज्ञान के द्वारा किए गए दिमाग के अध्ययन में पाया गया है जो जीनियस होते हैं वह साधारण लोगों से कई गुना ज्यादा आलसी होते हैं। क्यों?

क्योंकि अध्ययन/रिसर्च बताती है कि खाना खाने से हमारे शरीर को जो ऊर्जा या ताकत मिलती है उस ताकत का लगभग 20 प्रतिशत भाग हमारे दिमाग द्वारा प्रयोग कर लिया जाता है। 

वहीं एक जीनियस इंसान का दिमाग आम लोगों के मुकाबले काफी तेजी से ऊर्जा का प्रयोग या उपभोग करता है क्योंकि उसका दिमाग दूसरों से ज्यादा बुद्धिमान/इंटेलिजेंट होता है।

जिस कारण उसका दिमाग काफी जल्दी थकता है और इसी के चलते जीनियस इंसान सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा काफी आलस्य महसूस  करता है। इसके साथ ही आप जीनियसों के बारे एक बात तो अच्छे से जानते होंगे कि जीनियस व्यक्ति किसी भी काम को शॉर्टकट और जल्द से जल्द करना ही पसंद करते हैं।

अपने आलस्य के चलते ये लोग अपने कामों को ज्यादा आसान और ज्यादा शॉर्टकट परन्तु सटीक तरीके से करना ही पसंद करते हैं।

जैसे- आज हम कई चीजों को रिमोट से कंट्रोल कर सकते हैं। लेकिन आज से कई साल पहले क्या चीजों को रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता था? नहीं! मगर किसी आलसी इंसान के दिमाग में यह ख्याल जरूर आया होगा कि काश टीवी जैसे उपकरणों को दूर से कंट्रोल करा जाए तो कितना मजा आएगा?

बस यही आलसीपन एक जीनियस की पहचानकरने के लिए काफी है जो कि अपने आप में बहुत बड़ा सबूत है, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल ही नहीं है कि आप पूरी तरह से आलसी हो जाओ, बल्कि इसका मतलब यह है कि आप इसे समझें कि जीनियस इंसान अपने किसी भी काम को आसान तरीके से करने की कोशिश करता है। 

कम सामाजिक होना-

क्या आपको भी अधिकतर लोगों से सहज बातचीत करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है? और क्या आपको नए लोगों से मिलना जुलना भी ज्यादा पसंद नहीं है? साथ ही क्या आपके अंदर कम सामाजिक होने की आदत पहले से या बाद में विकसित हुई है? 

अगर हां तो आप जीनियस बनने की राह पर खड़े हैं और समय के साथ परिपक्व होकर पूरी तरह से एक जीनियस बन जाएंगे।

इस मामले में विज्ञान का ऐसा मानना है कि जिनके पास इस प्रकार की आदतें होती हैं, उनका दिमाग दूसरों के मुकाबले काफी हद तक जटिल और उनकी बुद्धिमत्ता दूसरों के मुकाबले काफी ज्यादा उन्नत और विकसित होती है। 

ऐसे लोगों का दृष्टिकोण (चीजों को देखने का नजरिया) दूसरों के मुकाबले काफी ज्यादा उन्नत एवं विकसित होता है और अधिकतर मामलों में जीनियस लोग दूसरों से कुछ अलग करना ही पसंद करते हैं। 

लगभग 11 वर्षों के लंबे शोध के बाद यह बात पूर्णत:साबित हो चुकी है कि जो जीनियस लोग होते हैं वह दूसरों के साथ ज़्यादातर घुलना-मिलना पसंद नहीं करते हैं। 

अंत में-

ये थे विज्ञान के द्वारा किये गये अध्ययन के अनुसार बताए गए जीनियस के कुछ लक्षण। हम उम्मीद करते हैं अब तक आप जान चुके होंगे कि जीनियस के क्या लक्षण हैं और कौन से लोगों को जीनियस कहा जाता है। ऐसी और भी दिलचस्प बातों और जानकारियों के लिए हमारी वेबसाइट की सदस्यता अभी लें।

आशा करता हूं कि आपको इस संक्षिप्त लेख कितने जीनियस हैं आप दूसरों से से कुछ नया सीखने को मिला होगा, अगर हां तो comment box में जरूर लिखें, पोस्ट से संबंधित कुछ कहना या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो भी लिखें, 

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