डार्क एनर्जी और डार्क मैटर क्या है? | Dark Matter & Energy

डार्क एनर्जी और डार्क मैटर ब्रह्मांड के अंधेरे पक्ष

ज हम आप अपने चारों ओर जो कुछ भी देखते हैं या जो भी हमारे देखने योग्य है वह सिर्फ ब्रह्मांड का मात्र 5% हिस्सा ही है। हमारा ब्रह्मांड जिसे एक नजर देखने पर यह बिलकुल शांत और स्थिर प्रतीत लगता है. 

क्या वास्तव में हमारा ब्रह्मांड बिलकुल शांत है? या कोई ऐसी भी चीज व शक्ति हमारे ब्रह्मांड में मौजूद है जिसे हम अपनी आँखों से स्वतंत्र रूप में न देख पा रहे हों, जबकि वह चीज या उसकी शक्ति, अपना काम कर रही हो और ब्रह्मांड को शांत तथा संतुलित कर रही हो.

डार्क-एनर्जी-और-डार्क-मैटर-Dark-Matter-&-Energy

इस बारे में वैज्ञानिकों और खगोलविदों का कहना है कि ब्रह्मांड में कई ऐसे पदार्थ और शक्ति अवश्य मौजूद है जिसको वे अभी पूरी तरह से समझ नहीं पाए है, और ऐसी ही एक शक्ति और पदार्थ ब्रह्मांड के अंधेरे पक्ष में मौजूद है जिसे हम डार्क एनर्जी और डार्क मैटर के नाम से जानते हैं. 

असल में डार्क एनर्जी और डार्क मैटर क्या है? इसके बारे में चर्चा करने से पहले हमें ब्रह्मांड की कुछ और चीजों को भी समझना जरूरी है जैसे- कॉस्मिक ऊर्जा क्या है? कण किसे कहते है? पोजिट्रॉन क्या है? और ब्लैक होल क्या है?

कॉस्मिक ऊर्जा क्या है?

सबसे पहले हम ब्रह्मांड की उस शक्ति की बात करेंगे जो हर जगह सर्वत्र व्याप्त है। हमारे द्वारा देखी जाने वाली प्रत्येक वस्तु, चीज, खगोलीय पिंड जो कुछ भी हम देखते हैं वह सब कुछ अणु, परमाणु और ऊर्जा के मिश्रण का ही एक स्वरूप है। 

ब्रह्मांड में मौजूद वह चीज जो हमारे शरीर, घर, चारों ओर के वातावरण, सौरमंडल के तारों-सितारों, करोड़ों आकाशगंगाओं, और पूरे ब्रह्मांड को चलायमान करने वाली वह शक्ति है जो हर जगह पर मौजूद है। इसी शक्ति को हम कॉस्मिक ऊर्जा कहते हैं। कॉस्मिक ऊर्जा से मतलब ब्रह्मांड की असीमित ऊर्जा से है। 

कॉस्मिक-ऊर्जा-cosmic-energy

ब्रह्मांड की यह असीमित ऊर्जा हमारे वातावरण के लिए बेहद काम आती है। दिमाग की शक्ति और बुद्धिमत्ता को बढ़ाने और किसी भी जीवन के पनपने के लिए यह शक्ति एक अहम भूमिका में होती है। कॉस्मिक ऊर्जा को मनोवैज्ञानिक विश्लेषण से आसानी से समझा जा सकता है।

कण किसे कहते है? 

भौतिक विज्ञान में “किसी पदार्थ का वह सबसे छोटा हिस्सा, जिसे देख और छूकर महसूस किया जा सके कण कहलाता है।”

पोजिट्रॉन क्या है? या इलेक्ट्रॉन का एंटीपार्टिकल क्या है? 

पोजिट्रॉन (e+) यह इलेक्ट्रॉन का प्रतिकण है जो धनात्मक आवेश से युक्त होता है। इसे इलेक्ट्रॉन का एंटीपार्टिकल भी कहते हैं, इसका द्रव्यमान भी ठीक इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान के बराबर ही होता है। पोजिट्रॉन (e+) एक परमाणु में पाया जाने वाला एक सामान्य और मौलिक कण मात्र है। पोजिट्रॉन (e+) की खोज सन 1932 ई0 में कार्ल डी0 एंडरसन ने की थी।

ब्लैक होल क्या है? 

साथियों ब्लैक होल के बारे में मैंने पहले ही अपने एक पोस्ट में विस्तृत जानकारी दी है, आप हमारी “ब्लैक होल ब्रह्मांड की सबसे अजीब जगह” पर क्लिक कर उसे पढ़ सकते हैं। अब आते हैं अपने आज के मुख्य विषय “डार्क एनर्जी और डार्क मैटर” पर…..

डार्क एनर्जी क्या है? (What is Dark Energy?- in Hindi)

डार्क एनर्जी के विषय को समझना थोड़ा कठिन जरूर क्योंकि यह चीज किसी भी ग्रह पर जीवन के पनपने से पहले से हमारे ब्रह्मांड में मौजूद है- अभी तक हम जितना अपने ब्रह्मांड के बारे में जानते हैं, हमारे ब्रह्मांड का विस्तार उससे कहीं ज्यादा है। 

हम अभी भी नहीं जानते हैं कि ब्रह्मांड में कितनी एनर्जी मौजूद है? क्योंकि यही एनर्जी ब्रह्मांड के विस्तार को पिछले करोड़ो सालों से प्रभावित कर रही है। साथ ही यह एनर्जी पूर्ण रूप से रहस्यमय भी है। 

चूंकि अभी तक इसे पूरी तरह से समझा भी नहीं जा सका है, इसीलिए वैज्ञानिकों ने इस शक्ति को डार्क एनर्जी का नाम दिया है। वैज्ञानिक अनुसन्धानों से पता चला है कि ब्रह्मांड का लगभग 68% हिस्सा डार्क एनर्जी है जो कि लगभग 27% डार्क मैटर से बनती है।

पूरे ब्रह्मांड में जो कुछ भी देखने योग्य या जिसे देखा जा सकता है, वह पूरे ब्रह्मांड का मात्र 5% भाग ही है। शेष 95% का केवल हम अनुमान लगाकर ही पता लगा सकते हैं और कह सकते हैं कि हम इसे कैसे जानते या पहचानते हैं?

डार्क एनर्जी के लिए एक सामान्य व्याख्या यह है कि डार्क एनर्जी ब्रह्मांड में एक ऊर्जा इकाई है, लेकिन ऊर्जा के किस स्तर की इकाई है? इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है। अल्बर्ट आइंस्टीन लगभग पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें महसूस हुआ था कि अंतरिक्ष में अद्भुत गुण हैं मतलब अंतरिक्ष की खाली जगह में भी कुछ है। जिसे समझने के लिए अभी हमें शुरुआत करनी चाहिए।  

अल्बर्टआइंस्टीन ने जो पहली चीज खोजी, वह थी अंतरिक्ष में खाली स्थान या जगह काअस्तित्व संभव होना।साथ ही आइंस्टीन ने अपनी दूसरी अवधारणा जो कि गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत और एक ब्रह्मांडीय स्थिरांक वाले संस्करण को प्रतिपादित करती है, में बताया कि यह खाली स्थान अपनी स्वयं की ऊर्जा का अधिकारी भी हो सकता है।” 

चूंकि डार्क एनर्जी अंतरिक्ष की एक पहलू या इकाई है, इसलिए इसे कृत्रिम रूप से फैलाया नहीं जा सकता, क्योंकि अंतरिक्ष अपना विस्तार स्वयं करता है। मतलब जैसे-जैसे स्थान अस्तित्व में आता जाएगा, डार्क एनर्जी का विस्तार भी और दिखाई देगा। 

साधारण शब्दों में, ऊर्जा का यह रूप ब्रह्मांड को तेजी से विस्तारित करने का कारण है।पर दुर्भाग्य से, अभी तक हम इस डार्क एनर्जी को पूरी तरह से समझ नहीं पाएं हैं।

डार्क मैटर क्या है? (What is Dark Matter?- in Hindi)

जैसा कि मैंने ऊपर बताया कि ब्रह्मांड की रचना के सैद्धांतिक मॉडल में 68% डार्क एनर्जी, 27% डार्क मैटर और 5% सामान्य (सामान्य देखने योग्य पदार्थ से मतलब बैरोनिक पदार्थ से है) पदार्थ मौजूद है। अब बात करते हैं 27% वाले डार्क मैटर की। आखिर ये डार्क मैटर क्या है?या डार्क मैटर क्या होता है?

नक्षत्र-विज्ञान तथा अंतरिक्ष विज्ञान में डार्क मैटर(dark matter) एक, अप्रमाणित किन्तु गणितीय विश्लेषण के आधार पर प्रमाणिक पदार्थ है।डार्क मैटर की विशेषता यह है किडार्क मैटर अपने द्वारा उत्सर्जित विकिरण से पहचाने नहीं जा सकते जबकि अन्य पदार्थ अपने द्वारा उत्सर्जित विकिरण से पहचाने जा सकते हैं।

डार्क मैटर के अस्तित्व (presence) का अनुमान दिखाई देने वाले पिंडों द्वारा आरोपित गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभावों से लगाया जाता है। मूल रूप से डार्क मैटर लापता द्रव्यमान के रूप में जाना जाता है, यही डार्क मैटर का रहस्य है। साथ ही इसके बारे में माना जाता है कि ब्रह्मांड का 27% भाग डार्क मैटर का बना है। साधारण भाषा में कहें तो…

डार्क मैटर की खासियत यह है कि डार्क मैटर, बैरोनिक मैटर से कोई क्रिया नहीं करता। जैसे- हर सेकेंड हमारे शरीर को छूते हुए आर-पार हजारों न्यूट्रालिनॉस (कण) गुजरते रहते हैं जो कि हमारे लिए अदृश्य रहते हैं और हमारे शरीर से कोई प्रतिक्रिया नहीं करते। 

ठीक इसी प्रकार ब्रह्मांड में भी ऐसे कई कण और पदार्थ मौजूद हैं जो सभी कणों और पदार्थों के साथ मौजूद तो हैं पर इनके साथ कोई प्रतिक्रिया नहीं करते। ब्रह्मांड के इन्ही कणों या पदार्थों को हम डार्क मैटर कहते हैं। 

हम जानते हैं कि डार्क एनर्जी ब्रह्मांड के लगभग 68% भाग में है और 5% बैरोनिक पदार्थ है। लेकिन शेष 27% जो कि एक बड़ा आंकड़ा है जिसे हम डार्क मैटर के नाम से पहचानते हैं। दुर्भाग्य से, ब्रह्मांड के इस इस हिस्से के बारे में हम ज्यादा नहीं जानते।

वैज्ञानिकों को इसके अस्तित्व के बारे में पता है क्योंकि साधारण पदार्थ, आकाश गंगाओं में मौजूद पदार्थों को एक साथ रखने के लिए मजबूत और पर्याप्त गुरुत्वाकर्षण बल का उत्पादन नहीं कर पाते है। इसलिए इस तरह ब्रह्मांड के बड़े खगोलीय पिंडों को एक साथ रखने के लिए मैटर के एक अन्य रूप की आवश्यकता होती है। 

यह डार्क मैटर के अस्तित्व का पहला संकेत है, लेकिन यदि कोई व्यक्ति किसी एक आकाशगंगा के द्रव्यमान की गणना समग्र रूप से करता है और फिर उसी आकाशगंगा में बैरोनिक पदार्थ के द्रव्यमान की गणनाकरता है। जिसमें सभी तारे और ग्रह आ जाते हैं।

तो उस व्यक्ति को असल में पता चलेगा कि पूरी तरह से उस आकाशगंगा का द्रव्यमान वास्तव में उसके अंदर मौजूद सभी दृश्यमान पदार्थों के द्रव्यमान से बहुत अधिक है। इससे जाहिर है कि पदार्थों या पिंडों के बीच मौजूद अंतर ही डार्क मैटर है और अपने परीक्षणों से हम जानते हैं कि यह मौजूद है।

डार्क मैटर वास्तव में ऐसे कण या पदार्थ हैं, जिनमें आकार होता है, जो सितारों से लेकर सुपरमैसिव ब्लैक होल तक सभी के साथ मौजूद होते हैं। अगर आपको लगता है कि पृथ्वी, सूर्य, आकाशगंगाएं और वो सब कुछ जो हम पूरे ब्रह्मांड में दूर-दूर तक देख सकते हैं

तो असल में पूरे ब्रह्मांड को नहीं देख रहे। वास्तव में हम जो कुछ भी पूरे ब्रह्मांड में देख सकते हैं, वह केवल पूरे ब्रह्मांड का मात्र 5% भाग ही है।

एंटीमैटर क्या है? (what is antimatter)

हमारी दुनिया की लगभग सभी चीजें, वस्तुएं और पदार्थ अणुओं और परमाणुओं के मिश्रणफलस्वरूप बनी है। वैज्ञानिक प्रयोगों से यह संभव जरूर है कि अणुओं को परमाणुओं में और परमाणुओं को कई कणों जैसे- प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन में तोड़ा जा सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार एंटीमैटर एंटीपार्टिकल्स से बनी सामग्री हो सकती है। 

यह माना जाता है कि हमारे द्वारा ज्ञात प्रत्येक कण में एक एंटीपार्टिकल्स होता है जो मूल संगत कणों के समान होता है, लेकिन इसका आवेश मूल कण के आवेश के विपरीत होता है। इन एंटीपार्टिकल्स कणों के समूह को एंटीमैटर कहा जाता है। 

उदाहरण के लिए जैसे- एक इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश (e) होता है। लेकिन इसके एंटीपार्टिकल, जिसे पॉज़िट्रॉन (e+)कहा जाता है, इसका द्रव्यमान मूल संगत कणों के समान होता है साथ ही इस पर धनात्मक आवेश होता है। जब एक कण और उसके एंटीपार्टिकल आपस में मिलते या टकराते हैं, तो ये एक दूसरे को नष्ट कर देते हैं। आपस की टक्कर में होने वाले विस्फोट से गायब हो जाते हैं।

एंटीमैटर का मूल्य (Antimatter price)-

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार एंटीमैटर हमारी धरती का अभी तक ज्ञात सबसे महंगा और कीमती पदार्थ या सामग्री है। 01 मिलीग्राम एंटीमैटर सामग्री बनाने में लगभग 250 लाख डॉलर तक लग सकते हैं। 

अब प्रश्न यह है कि इतना महंगा होने के बावजूद भी यह जरूरी क्यों है, और इसका प्रयोग कहाँ (What is Antimatter used for) किया जा सकता है? वैज्ञानिकों के मुताबिक एंटीमैटर सामग्री का प्रयोग ब्रह्मांड को एक्सप्लोर करने वाले यानों में ईंधन के रूप में किया जा सकता है। 

विकिपीडिया में उल्लिखित लेख में 01 ग्राम एंटीमैटर की कीमतलगभग 3,12,500 अरब रुपये (3,125 खरब रुपये) बताई गई है। 

खगोल विज्ञान से संबन्धित अन्य लेख-

अंत में

ब्रह्मांड के अनसुलझे रहस्य में से एक डार्क मैटर और डार्क एनर्जी है जिसे अभी तक हम पूरी तरह से न ही समझ पाये है और न ही सुलझा पाए हैं। आई होप मेरी इस पोस्ट से आपको डार्क एनर्जी और डार्क मैटर के बारे में पर्याप्त जानकारी जरूर मिली होगी। 

समय-समय पर इस पोस्ट को संबंधित जानकारियों से और भी अपडेट किया जाता रहेगा, इसके अतिरिक्त आपके कोई और प्रश्न हों तो Comment Box में लिखें, जल्द ही आपके प्रश्नों का व्याख्यात्मक उत्तर इसी पोस्ट में कर दिया जाएगा। 

दोस्तों आज की पोस्ट डार्क एनर्जी और डार्क मैटर क्या है?” में बस इतना ही आशा है इस पोस्ट दी गई जानकारी ने आपको अपडेट किया होगा, अगर हां तो इसे अपने मित्रों और ज़रूरतमंद लोगों के साथ Share करें, और ऐसी ही दिलचस्प अनसुलझे रहस्यों और ब्रह्मांडीय जानकारियों को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट को Subscribe करना न भूलें। 

धन्यवाद!

जय हिन्द! जय भारत!

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें