बुद्धिमान लोगों के लक्षण | Signs of Intelligent People

आज हम बात करने वाले हैं बुद्धिमान लोगों के लक्षण के बारे में. बुद्धिमान यानि कि साइंस ऑफ इंटेलिजेंट परसन (Signs of Intelligent People). जो बुद्धिमान व्यक्ति होता है, उसके अंदर क्या-क्या गुण पाए जाते हैं, क्या क्या लक्षण होते हैं और बुद्धिमान किसे कहते हैं? 

इसके बारे में आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ बुद्धिमान व्यक्तियों के 06 ऐसे लक्षणों के बारे में चर्चा करेंगे जो हो सकता है कि आपके अन्दर भी हो लेकिन शायद आपको इसका भान न हो.

बुद्धिमान-लोगों-के-लक्षण-signs

आप comment करके हमें यह जरूर बताएं कि बताए गए इन इंटेलिजेंट/बुद्धिमान लक्षणों में से आपके अन्दर कितने लक्षण हैं, और कौन-कौन से लक्षणों पर अभी आप काम कर रहे हैं? तो चलिए बिना समय गवाएं शरू करते हैं

बुद्धिमान लोगों के लक्षण में पहला लक्षण-

जो लोग बुद्धिमान होते हैं, या समझदार व्यक्ति की पहचान यह है कि वे ज्यादा सामाजिक/सोशल नहीं होते, ऐसा इसलिए क्योंकि इनको सबके साथ यूं ही रहना पसंद नहीं होता। मतलब फ़ालतू में अपने समय को बर्बाद करना बुद्धिमान लोगों को बिल्कुल भी नहीं पसंद होता है. साधारण भाषा में  बुद्धिमान लोग परपंच और आवभगतसे अपने आपको दूर रखते हैं. इन्हें खाली/बेकार बैठना बिल्कुल भी रास नहीं आता.

जब भी इन्हें खाली समय मिलता है तो ये लोग कुछ न कुछ नया सीख रहे होते हैं, कुछ न कुछ नया बना रहे होते हैं. अक्सर बुद्धिमान लोग बहुत ही कम दोस्त बनाते हैं या यूं कहें कि इनकी दोस्ती बहुत ही कम लोगों के साथ होती है. ये जो भी दोस्त  बनाते हैं, वह बहुत ही खास होते हैं और साथ ही बुद्धिमान लोग अपने दोस्तों के लिए कुछ भी कर गुजरने से नहीं चूकते। 

साथ ही ये अपने दोस्तों के साथ वैसे व्यवहार की चाह भी रखते हैं जैसे ये खुद होते हैं और जैसा ये अपने दोस्तों के साथ व्यवहार करते हैं.

दूसरा लक्षण-

बुद्धिमान लोग अधिकतर मददगार प्रवृत्ति (helpful nature) के होते हैं. इसके साथ ही बुद्धिमान लोग ऐसे लोगों की मदद या भलाई करने को उत्सुक रहते हैं जिन्हें वास्तव में मदद की आवश्यकता होती क्योंकि इनकी पैनी नजर सामने वाले को देखकर भांप लेती है कि सामने वाले को किस चीज की जरूरत है.

अगर बुद्धिमान व्यक्ति के गुण की बात की जाए तो इन्हें जरूरतमंदों की मदद करने में बहुत अच्छा भी लगता है साथ ही ख़ुशी भी महसूस होती है. यह जरूरी नहीं है कि कोई इनकी मदद/भलाई करें तभी ये उनकी मदद/भलाई करेंगे.

बुद्धिमान लोगों को अक्सर अनजान व्यक्तियों की भलाई/मदद करने में बहुत अच्छा लगता है। लेकिन बदले/रिटर्न में ये किसी से भी अपनी भलाई/मदद का अपेक्षा नहीं रखते. जब बुद्धिमान लोग किसी को भी मुसीबत में देखते हैं तो अपने हेल्पिंग/दयालु नेचर के कारण ये हेल्प करने के लिए पीछे नहीं हट पाते भले ही सामने वाला इनका सबसे बड़ा दुश्मन ही क्यों न हो.

बुद्धिमान लोगों को अक्सर अकेले में रहना बहुत भाता है. घर पर भी ज्यादा सबसे मिल जुल कर नहीं रहते. जब काम होता है या जरूरत होती है तो बोल लेते हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में अकेले ही रहना पसंद करते हैं और अपने अकेलेपन अच्छे से enjoy करते हैं.

एक जीनियस व्यक्ति की पहचान यही है कि एक समय के बाद इनका अकेलापन इन्हें जीनियस भी बना देता है. इतिहास में जितने भी जीनियस हुए हैं वे सभी अपने अकेलेपन के महत्व को समझने के कारण ही जीनियस बने हैं.

ये लोग अकेले में या तो खुद से बातें करते हैं या फिर गहन सोच से नया कुछ नया रचने पर काम कर रहे होते हैं. यही बुद्धिमान लोग होते हैं जो अपने उन्नत विचार(idea) से नई क्रांति लाने का काम करते हैं. आज हमारा समाज जिन उद्यमों या तकनीकों के आधार पर खड़ा है,

इस सबकी देन कई बुद्धिमान व्यक्तियों की सोच का ही तो परिणाम है. अगर आपके अन्दर भी बुद्धिमानी का यह लक्षण मौजूद है तो comment box में अपना लेखन का हुनर जरूर दिखाएँ.

तीसरा लक्षण-

अक्सर प्रश्न पूंछा जाता है कि बुद्धिमान/समझदार व्यक्ति कैसे होते हैं? तो इसका उत्तर है कि समझदार/बुद्धिमान लोग हमेशा से बहुत ही एक्टिव/सक्रीय रहने वालों की श्रेणी में आते हैं, साथ ही ये लोग  बहुत ही चुनिंदा (choosy) भी होते हैं 

क्योंकि जब किसी चीज का चुनाव करने को इनसे कहा जाए तो ये बहुत ही सोच, समझकर व परखकर ही उस चीज को अपनाते हैं. इनके दोस्त भी बहुत ही चुनिन्दा होते हैं और दोस्त बनाने के लिए अच्छा ख़ासा लम्बा समय लेते हैं.

मात्र हाय-हेलो कर लेने से ये किसी को अपना दोस्त नहीं मानते बल्कि कुछ समय तक उसकी परख करते हैं और जब इनको सामने वाले में अपने जैसे गुण दिखाई देने लगते हैं तो ये उन्हें अपना पक्का दोस्त बनाने में तनिक भी नहीं हिचकिचाते है. इनकी दोस्ती भी लम्बे समय के लिए (जीवन भर) होती है और ये अपने दोस्तों की भरसक मदद करने की कोशिश भी करते रहते हैं.

जिस तरह से  बुद्धिमान लोग अपनी दोस्ती निभाना जानते हैं ठीक उसी तरह से ये पक्की दुश्मनी भी निभाते हैं. वैसे इन लोगों को लड़ाई-झगड़े से दूर रहना बहुत ही भाता है साथ ये अधिकतर अनचाही चीजों को ignore करने में विश्वास रखते हैं. 

अगर कोई इनसे बैर या दुश्मनी की भावना रखता है तो ये दुश्मनी की भावना को तुरंत भी भांप जाते हैं, फिर तब तक वार नहीं करते जब तब इन्हें कोई बड़ी क्षति न पहुंचे.

यदि इनको कोई भी क्षति पहुचती है तो समझ लीजिए कि सामने वाले दुश्मन की बर्बादी शुरू हो गई है क्योंकि ये न केवल सामने वाले को आर्थिक क्षति पहुंचाते हैं बल्कि इसके साथ बुद्धिमान लोग सामने वाले को सबसे ज्यादा मानसिक कष्ट/पीढ़ा देने का काम भी करते हैं. और आज के समय में जिसके दिमाग में अशांति/उद्विग्नता बनी रहती है वही तो सबसे ज्यादा दुखी रहता है.

चौथा लक्षण-

बुद्धिमान लोग हमेशा सकारात्मक (पॉजिटिव) होते हैं. इनके पास एक अनोखी सकारात्मक विचार धारा होती है. सकारात्मक सोच या विचार धारा के कारण ही बुद्धिमान लोग हर एक चीज में कुछ ना कुछ पॉजिटिव ढूंढ ही लेते हैं. 

इनके साथ यदि कोई किसी और की चुगली कर रहा है तो ये उसे चुप कराने का प्रयास करेंगे और अगर सामने वाला इनकी बात नहीं सुनता तो ये वहां से दूर हट जाते हैं.

जैसे कलर-बलाइंड लोगों को कुछ रंग नहीं दिखाई देते ठीक उसी तरह से बुद्धिमान लोगों को भी निंदा/चुगली करने वाले नहीं भाते. जिस कारण बुद्धिमान लोगों की अक्सर सबसे बड़ी शिकायत होती है कि लोग इनको समझते नहीं है. दयालु प्रवृत्ति के कारण ये दूसरों की गलतियों को माफ कर उन्हें ऐसी सीख देने की कोशिश करते हैं जिससे वे दोबारा किसी के साथ उसी गलती को न दोहराएं.

बुद्धिमान लोगों का लक्षण एक यह भी है कि इनकी लिखावट (हैंडराइटिंग) मोस्ट ऑफ द टाइमज्यादा अच्छी नहीं होती हो, आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हो, जिसकी हैंडराइटिंग भी अच्छी है, वह बुद्धिमान भी है। अगर हां तो comment box में जरूर बताएं. ऐसा हो सकता है कि 90% बुद्धिमान लोगों की हैंडराइटिंग इतनी अच्छी नहीं होती.

आपकी क्लास में कुछ ऐसे बच्चे जरूर होंगे जिनकी हैंडराइटिंग तो अच्छी नहीं होती मगर समझने की क्षमता बेमिसाल होती है यही तो है बुद्धिमान होने का एक लक्षण. बुद्धिमान लोगों की दैनिक उपयोग की चीजें हमेशा बिखरी हुई रहती हैं.

मसलन खाने पीने का सामान, फोन, लैपटॉप जो भी जो भी चीज सबसे ज्यादा यूज करते हैं. देखने में लग सकता है कि सब कुछ अस्त-व्यस्त है लेकिन यही जो सामान्य लोगों को लगता है कि चीजें अस्त-व्यस्त हैं वह बुद्धिमान लोगों के लिए चीजों को रखने का सलीका है.

अगर कोई इनकी चीजों को समेटकर रख दे तो इन्हें अपनी चीजों को ढूंढने कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिस कारण ये कभी कभी गुस्सैल भी हो जाते हैं और अपनी चीजों को फिर से वैसे ही रखने की कोशिश करते हैं जैसे पहले रखी थीं. 

बुद्धिमान लोगों का यही गुण समाज की नीतियों व प्रथाओं पर प्रहार करता है और नए समाज की संकल्पना को जन्म देने की सम्भावना को भी प्रकट करता है.

पांचवा लक्षण

बुद्धिमान लोग भावुक (इमोशनल) होते हैं क्योंकि इनको पता होता है कि समाज में चीजें कैसे काम करती हैं? लेकिन ये किसी को भी इस बात भनक भी नहीं लगने देते क्योंकि इनको पता होता है कि अगर कोई जान जाए कि ये लोग बहुत इमोशनल है तो हो सकता है कि लोग इनका गलत इस्तेमाल कर लें. अधिकतर मामलों में देखा गया है कि बुद्धिमान लोग करुणा का प्रतिक समझे जाते हैं.

प्यार के प्रसंग इनके एक जीवन परिवर्तन का मोड़ साबित होता है. अक्सर प्यार के मामले में बुद्धिमान लोगों को धोखा मिलने की सम्भावना सबसे अधिक देखने को मिलती है क्योंकि ये भावुक तो होते हैं लेकिन प्यार के मामले में अपनी तर्क बुद्धि का प्रयोग करते हैं.

तर्क बुद्धि प्यार के मामले में काम नहीं करती क्योंकि प्यार एक निश्छल भावना है जो तर्क से नहीं की जा सकती. बुद्धिमान लोग प्यार की परख में ही सबसे ज्यादा समय लगा देते हैं और कई बार तो प्यार के मामले में इन्हें काफी देर भी हो जाती है.

लेकिन जब ये लोग अपने प्यार को हांसिल कर लेते हैं तो फिर इनमें एक नई ऊर्जा का संचार होता है, और कभी-कभी तो प्यार में ये बुद्धिमान लोग कुछ ऐसा कर गुजरते हैं जो इतिहास के पन्नो पर हमेशा के लिए रच बस जाता है. और आप जानते ही हैं कि इतिहास उन्ही लोगों का लिखा जाता है जो बुद्धिमान और अनोखे होते हैं.

छटा लक्षण-

बुद्धिमान लोगों में समझदारी, एकाग्रता और दूरदर्शिता कूट-कूट कर समायी हुई होती है. इस बात का प्रमाण यह है कि आपने अपनी क्लास में कुछ ऐसे बच्चों को जरूर देखा होगा जो नाम मात्र की ही पढाई करते हैं और पास होकर अगली कक्षा में चले जाते हैं.

असल में ये वही समझदार व्यक्ति के लक्षण हैं जो बुद्धिमान होते हैं जिनमें कुछ नया, कुछ अलग करने की प्रवृत्ति होती है. क्योंकि इनका दिमाग एक साथ कई सारे फोकस करता है और चीजों कि सामान्य जानकारी इकठ्ठा करने की कोशिश करता है.

इसके बात जब चुनाव करना होता है तो ये लोग अपने अनुभव से ही सबसे अच्छे विकल्प का चुनाव करते हैं और वो भी बिना किसी की सहायता के. इनका प्रमुख काम ही होता है अनुभव इकठ्ठा करना और खुद के फैसले खुद ही करना. लेकिन खुद के फैसले लेने से पहले ये उनसे परामर्श या राय जरूर लेते हैं जिन्हें ये अपने से ज्यादा ज्ञानी मानते हैं.

समस्याएं तो इन बुद्धिमान लोगों को सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं क्योंकि समस्याएं इन लोगों का ज्ञान और अनुभव दोनों बढ़ने का काम करती हैं. जब ये किसी समस्या से जूझते हैं या फिर सुझाने की कोशिश करते हैं तो इनका दिमाग बहुत तेजी से काम करता है, जिसके चलते ये बहुत ही जल्द जीनियस भी बन जाते हैं.

अंत में-

बुद्धिमानी किसी को जन्मजात नहीं मिलती बल्कि इसे कमाना पड़ता है, कभी सीखकर तो कभी अपने अनुभव से. पैदा होने वाला प्रत्येक बच्चा बुद्धिमान होता है. समय के साथ जैसे-जैसे उसे अनुभव होने लगता वह धीरे-धीरे बुद्धिमान लोगों की श्रेणी में खुद ब खुद शामिल हो जाता है.

तो ये थी कुछ समझदारी/बुद्धिमानी की बातें और बुद्धिमान लोगों के लक्षण. इन बताए गए लक्षणों में से आपके पास कितने लक्षण हैं, हमें comment box में जरूर बताइएगा. 

इसके आलावा अगर कोई लक्षण है जो आप बताना चाहते हैं तो उसे भी जरूर लिखें. लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ share करना बिल्कुल न भूलें. अभी तक के लिए इतना ही….

धन्यवाद!

जय हिंद! जय भारत!

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें