अपने लक्ष्य को पाने के रोचक तथ्य

मनोविज्ञान के अनुसार लक्ष्य को पाने के लक्षण, अपने लक्ष्य को कैसे पहचाने और अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें?

आज अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए हर कोई लगा हुआ है और ऐसा करना स्वाभाविक भी है क्योंकि लक्ष्य बनाना और उस लक्ष्य को पाना (प्राप्त करना) बहुत जरूरी है हालांकि कुछ लोग अपना लक्ष्य निर्धारित तो कर लेते हैं,

लेकिन अपने लक्ष्य को कैसे पाया जाए इसको समझने में कई गलतियाँ कर जाते हैं, अपने लक्ष्य को पाने के लिए हमें कुछ नियमों का अनुसरण करना बेहद जरूरी है और आज हम आपके सामनेअपने लक्ष्य को पाने के कुछ रोचक तथ्य लेकर आए हैंआशा है आपको इन तथ्यों के माध्यम से कुछ जानकारी अवश्य मिलेगी। चलिये शुरू करते हैं

लक्ष्य को पाने के रोचक तथ्य

लक्ष्य को पाने के मनोवैज्ञानिक तथ्य-

  • फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटोक, टिवीटर जैसे एप्पस को अपने मोबाइल से निकाल फेंके यह एक मकड़जाल है। इसके खतरों को समझें, ये एप्पस समय समय पर आपको थोड़ा थोड़ा डोपमीन (सुख का रसायन) देकर आपकी एकाग्रता को भटकाने का काम करते है।
  • अपने फोन में हर अनचाही एप्लीकेशन के नोटिफिकेशन को म्यूट कर दें और Whatsapp जैसी एप्लिकेशन को एक विशिष्ट समय पर ही जांच या अवलोकन करें। इससे आपकी अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रता भंग नही होगी।
  • हम दोस्तों के साथ (मौज मस्ती में) बहुत समय बर्बाद करते हैं। इसे कम और कुछ हद तक बंद भी करना पड़ेगा क्योंकि अपने लक्ष्य को पाने के लिए दिन के कुछ समय को अकेले में बिताना और अपने विचारों का मंथन करना बेहद जरूरी है तो आज से अकेले रहने और अपने विचारों का मंथन शुरू करें।
  •  उन किताबों को पढ़ना शुरू करें जिन्हें आपने खरीदा था लेकिन कभी छुआ भी नहीं। देखिये किताबें एक पथ प्रदर्शक का काम करतीं हैं, और वैसे भी पढ़ना-लिखना एक दिमाग को सक्रिय करने की गतिविधि (एक्टिव एक्टिविटी) है जबकि सुनना और देखना कुछ हद तक अप्रतिरोधी गतिविधि (पैसिव एक्टिविटी)। 
  • संतुष्टि का भाव अपने अंदर बनाने या संतुष्ट रहने का अभ्यास करें। संतुलित भोजन एक स्वस्थ दिमाग की पहचान होती है, जंक फूड, पोर्न, हद से ज्यादा नींद आदि सीमित समय के सुख हैं ये और कुछ नहीं बल्कि लंबे समय के कष्ट हैं।
  • हर दूसरे, तीसरे दिन घर से बाहर के (आउटडोर) खेल जरूर खेलें। इन खेलों का निर्धारण पहले से ही कर लें कि कौन सा खेल खेलना है? असल में घर से बाहर के (आउटडोर) खेल आपके दिमाग और शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार करते हैं साथ आउटडोर खेलों से आपके शरीर की अच्छी कसरत भी हो जाती है, जिससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता  चीजों को समझने और आकने का एक नया नजरिया भी बनता है। 
  • आराम करने (रिलैक्स करने) और समय बर्बाद करने के बीच अंतर को बारीकियों से समझें। यह आपके लक्ष्य प्राप्ति के लिए बहुत ही जरूरी है।
  • माफ करने की आदत डालें या विकसित करें। जिससे आपको शांति का अनुभव महसूस होगा और आपकी एकाग्रता भी बढ़ेगी साथ ही अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए समाज और लोगों का सहयोग भी मिलेगा।
  • अपनी प्राथमिकताओं (इच्छाओं और सपनों) के साथ जिद्दी (मेहनती) बनें, व्यसनों (एकाग्रता भटकाने वाली चीजों) को ना कहना सीखें। दुनिया का सबसे कीमती गहना हमारा परिश्रम (मेहनत) है, जिसके आगे कोई भी टिक नहीं सकता, ईश्वर भी उसी के साथ होता है जो निरंतर अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत कर रहा होता है।
  •  कुछ लोग बस एक के पीछे एक भेड़ चाल की तरह चले जा रहे हैं, आज की दौड़ भाग से भरी जिंदगी में वे अपने लक्ष्य को भूल कर कहीं न कहीं अपनी जीवन को बर्बाद करने या बर्बादी की ओर बढ़ा रहे हैं ऐसे लोगों को ही लक्ष्यहीन और नकारात्मक मानसिकता वाला कहा जाता है। अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ऐसे नकारात्मक लोगों से दूरी बनानी ही पड़ेगी क्योंकि ये अपने साथ आपको और आपके भविष्य को गर्त में ही गिराने का काम ही करेंगे।
  • उस कौशल (स्किल) का विकास करें, जो आप हमेशा बिना झिझक कुशलता से कर सकते हैं। यह कुछ भी हो सकता है जैसेकोड सीखना, गिटार बजाना, तैराकी करना आदि अन्य
  • उन किताबों को पढ़िए जो आपको अपने लक्ष्य प्राप्ति में मार्गदर्शन प्रदान करें और आपको एक सकारात्मक विचारधारा के लिए प्रेरित करें। जैसेरिच डैड पुअर डैड, मोटिवेशनल किताबें, महान लोगों की जीवनियां आदि।
  • यूट्यूब और सोशल मीडिया परसफलता कहानियां और मोटिवेशनल वीडियो देखें। इससे आपकी प्रेरणा को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन इसे लगातार और लंबे समय के लिए मत करें वाच लेटर सुविधा (टैब) का उपयोग करें।
  • बोलने से ज्यादा सुनने पर ध्यान दे क्योंकि जब हम किसी को गौर से सुनते हैं तो हमें सामने वाले की मानसिकता और कौशल का अनुभव महसूस होता है, जिससे हमारी तर्क करने की क्षमता और निखर जाती है जो लक्ष्य निर्धारण में काफी मददगार साबित होती है।
  • उन चीजों को करना शुरू करें जिनसे आपको डर लगता है। हालांकि डर के प्रकारों में विविधता मिलती है फिर भी कुछ सामान्य डर का उल्लेख कर रहा हूं जैसेमंच पर जाने का डर, गणित का डर या अन्य कोई भी। अपने डर का मजबूती से सामना करें, मंच पर जाएं, गणित के प्रश्नों को हल करें, जिससे धीरेधीरे आपका ये डर आपकी ताकत बन जाएगा।
  • और अंत में, मैं आपको इंट्रोवर्ट (अपनी बात कहने में संकोची) या रोबोट बनने का सुझाव नहीं दे रहा हूं। आपको अपने कुछ मनोरंजन के लिए स्वयं पुरस्कृत करना चाहिए, लेकिन केवल अपने काम खत्म करने के बाद।
  • और हां यदि आपने अपना लक्ष्य का निर्धारण कर लिया है तो अपने लक्ष्य को किसी के साथ साझा (शेयर) न करें क्योंकि शेयर करने से आपके दिमाग को लगता है कि आपने अपने उस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है और अब आप उसका लुत्फ उठा रहे हैं, जिससे आपका दिमाग धीरेधीरे लक्ष्य के प्रति एकाग्रता को खोने लगता है, जिस कारण हो सकता है कि आप अपने लक्ष्य तक पहुँच ही न पाएं।

हमेशा जीवन में अपने लक्ष्य के बारे में सोचिए। हर पल अपने उद्देश्य के साथ बनें रहें। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने आपको कितना बदलना चाहते हैं। यदि वास्तव में आप अपने आपमें सुधार करना चाहते हैं, तो प्रयास भी आपको ही करना पड़ेगा।

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उम्मीद करता हूं कि आपको आज के इस पोस्ट अपने लक्ष्य को पाने के रोचक तथ्य से कुछ नया सीखने को जरूर मिला होगा। ऐसे ही मनोवैज्ञानिक तथ्यों और लेखों को जानने और पढ़ने के लिए वेबसाइट को subscribe जरूर करें। तथ्य पसंद आए हों तो इसे अपने दोस्तों और जरूरतमंद लोगों के साथ share करना न भूले। अंत में

शुभकामनाएं! जल्द से पूरे होते आपके लक्ष्य के लिए।

धन्यवाद!

जय हिन्द! जय भारत!

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