मानव स्वभाव के रोचक तथ्य | Interesting facts of Human Nature

मानव स्वभाव के रोचक तथ्य (Interesting facts of Human Nature): मानव व्यवहार के बारे में मनोवैज्ञानिक तथ्यों का आंकलन करने से हमें खुद के बारे में रोचक जानकारी मिलती है और यह सहज रूप से हम सभी को करना ही चाहिए क्योंकि जब हम खुद का और खुद के विचारों का गहनता से मंथन करते है तो हम खुद के अस्तित्व और उन्नति को सफलता की ओर बढ़ाते हैं और जिससे हमें खुद के बारे में रोचक जानकारी मिलनी शुरू हो जाती है।

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और आज हम ऐसे ही कुछ मानव स्वभाव के रोचक तथ्यों और आदतों से आपको अवगत करने जा रहें है, इनमें से कुछ तथ्य शायद आपको पहले से ही पता होंगे. हम बस आपकी सामान्य जानकारी को बढ़ाना चाहते है. चलिए शुरू करते हैं

मानव स्वभाव के रोचक तथ्य (लिखने की पेशकश)- 

मानव स्वभाव के बारे में दिलचस्प और रोचक तथ्य यह है कि जब किसी को एक नई कलम के साथकुछ लिखने की पेशकश की जाती है तो 97% लोगअपना नाम ही लिखते हैं या फिर अपना सिग्नेचर बनाते हैं। वैसे सिग्नेचर या नाम लिखना यह भी बताता या दर्शाता है कि व्यक्ति अपनी पहचान या अस्तित्व बनाने की कोशिश कर रहा है।

खराब या गन्दी लिखावट-

लिखावट के बारे में मनोवैज्ञानिक तथ्यों का आंकलन करने पर मनोविज्ञान हमें बताता है कि 90 फीसदी खराब या गन्दी लिखावट वाले लोग सामान्य औसत लोगों से अधिक रचनात्मक और प्रभावी होते हैं। जैसे- आपने डॉक्टरों द्वारा लिखे गए दवाइयों के पर्चे तो देखें ही होंगे, क्या उनकी लिखावट आपके समझ में आती है? Comment box में जरूर बताइएगा…

अंगूठे को छिपाना-

यदि कोई व्यक्ति अपने हाथ की सभी अंगुलियों के पीछे या मुट्ठी में अपने अंगूठे को छुपाता है तो यह एक संकेत है कि वह व्यक्ति उस समय घबराहट महसूस कर रहा है, उस व्यक्ति का अंगूठा छुपाना यह इंगित करता है कि वह व्यक्ति समूह में किसी के ध्यान में नहीं रहना चाहता है, मतलब भीड़-भाड़ से अलग रहना चाहता है।

फ़र्स्ट इम्प्रैशन इज़ द लास्ट इम्प्रैशन-

फ़र्स्ट इम्प्रैशन इज़ द लास्ट इम्प्रैशन के बारे में मनोविज्ञान कहता है कि हमारा पहला इम्प्रैशन(छाप) हमेशा पहले 07 सेकेंड में बनता है क्योंकि किसी भी व्यक्ति को एक पैटर्न(प्रारूप) समझने में कम से कम 07 सेकेंड लगते है और शुरुवाती 07 सेकेंड का परीक्षण ही किसी भी व्यक्ति को लंबे समय तक याद भी रहता है।

बदलने की शक्ति-

यह साबित हो चुका है कि किसी प्रारंभिक स्थिति के प्रति, हमारी की गई प्रतिक्रिया वस्तुतः मूल स्थिति को बदलने की शक्ति रखती है। जैसे- मान लीजिये कि आप किसी चीज को पढ़ या समझ रहें हैं 

तो जब तक आप उस चीज को समझते है वह चीज अपनी प्रारंभिक स्थिति में ही रहती है। पर जब आप उस चीज को पूरी तरह से समझ जाएंगे तो आपकी उस चीज के प्रति एक नई परिभाषा होगी मतलब आप उस चीज की मूल परिभाषा के प्रति प्रतिक्रिया देने में सक्षम होंगे, 

साथ ही मूल परिभाषा में सुधार करने या उसे बदलने की शक्ति आपमें होगी। बदलने की शक्ति बहुत बड़े स्तर पर काम करती है क्योंकि प्रकृति का नियम है- “परिवर्तन ही जीवन का आधार है।”

परवाह न करने की आदत-

मानव व्यवहार के बारे में रोचक तथ्य यह है कि यदि कोई व्यक्ति कहता या दिखाता है कि उसे किसी की परवाह न करने की आदत है तो असल में वह इंसान सबसे ज्यादा परवाह करने वाला होता है। 

नकारात्मकता को दूर करना-

स्वभाव के प्रकार में से एक अहम पहलू होता है उसकी नकारात्मकता! पर इस नकारात्मकता को दूर करना बेहद जरूरी है क्योंकि मनुष्य स्वभाव का यह प्रकार खुद के साथ-साथ सभी के लिए खतरनाक होता है, 

इस स्वभाव से बचने के लिए हमें अपने नकारात्मक विचारों को एक कागज पर लिखकर उसे या तो  कचरे में फेंक दें और या फिर उस कागज़ को जला दें, यह आपके मनोदशा को बेहतर बनाता है। यह एक मनोवैज्ञानिक शोध है जो असल में काम करता है. आप भी इसका प्रयोग अपने जीवन में जरूर करिए.

तनाव को कम करना-

आज की दौड़ भाग भरी जिंदगी में काम का तनाव या tension होना लाज़मी है, पर अपने तनाव को कम करना भी हमारी खुद की जिम्मेदारी भी है. संतरा! जिसमें विटामिन ए, बी और सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस, कोलिन 

और अन्य पोषक तत्वों साथ 170 से ज्यादा फाइटोकेमिकल्स और 60 से ज्यादा फ्लेवोनोइड्स होता है। तनाव को कम करने वाला साबित हुआ है। इसलिए डॉक्टर काम पर जाने से पहले संतरा खाने की सलाहदेते हैं। 

लक्ष्यों को गुप्त रखें-

अपने लक्ष्यों को गुप्त रखें, कभी किसी को न बताएं। क्योंकि जब आप अपने लक्ष्य को (आपको जिंदगी में जो पाना है) किसी के साथ share करते हो तो  आपके मस्तिष्क को एक आभासी सन्देश जाता है कि आपने वह लक्ष्य हासिल कर लिया है, 

जिससे आपका दिमाग आपके उस लक्ष्य के प्रति उदासीनता दिखा सकता है जिससे आपको अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए मिलने वाले मौके कम रह जाते है और आपका दिमाग भी इसे गंभीरता से नहीं लेता है. इसलिए यह बेहद आवश्यक है कि अपने लक्ष्यों को गुप्त रखा जाए. 

आंतरिक आवाज-

जिस तरह से माता-पिता अपने बच्चों से बात करते हैं वह बच्चे की आंतरिक (आत्मा की) आवाज बन जाती है।

छुपाने की कोशिश-

यदि कोई व्यक्ति सामान्य चुटकुलों पर बहुत ही ठहाके लगाकर हंसता है, तो यह बताता है कि वह अंदर ही अंदर बहुत अकेला है और अपने अकेलेपन की उदास जिंदगी को अपनी हंसी के द्वारा छुपाने की कोशिश करता है.

ग्रुप में बातचीत-

प्रेम और आकर्षण के बारे में मनोवैज्ञानिक तथ्यों की बात करें तो जब आप किसी ग्रुप में बातचीत कर रहे हों या बातचीत के दौरान यदि किसी ने अपने पैरों को आपकी ओर मोड़ लियाहै, तो इसका मतलब है कि वह आपमें रुचि ले रहा है या फिर वह आपकी ओर आकर्षित है। 

शर्मीले अंदाज में जवाब देना-

हमारा शर्मीला स्वभाव यह बताता है कि हम जिससे बात करते हैं या तो उनको पसंद करते हैं या फिर उनसे पहली बार मिल रहे हैं. विशेष कर बच्चों और लड़कियों के बारे में दिलचस्प मनोवैज्ञानिक तथ्यों में से एक यह है कि अगर कोई लड़की आपको पसंद करती है तो वह आपसे बात करते समय हमेशा अपने बालों के साथ खेलती है और आपकी बातों का शर्मीले अंदाज में जवाब देती है।

हमारे सपने-

हमारे सपने बेहद खास होते हैं, क्योंकि हम सपनों में उसी चीज या तथ्य को देखते हैं, जिन्हें हमने कभी न कभी अपनी असल जिंदगी में देखा होता है और कामना की होती है कि हमें लक्ष्य या उस काबिल बनना है. दरअसल हमारे सपने हमारी और हमारे अवचेतन मन के बीच की बातचीत हैं। जो हमें सपनों के द्वारादिखाई जाती है.

नकारात्मक प्रभाव को बेअसर करना-

प्रश्न यह है कि मनुष्य को अपना स्वभाव शांत और विनम्र क्यों रहना चाहिए? क्योंकि मनोविज्ञान कहता है कि01 नकारात्मक प्रभाव को बेअसर करने के लिए 07 सकारात्मक प्रभावों की आवश्यकतापड़ती है। 

यदि हम शांत और विनम्र रहेंगे तो निश्चित ही हमारे पास एक सकारात्मकता बनी रहती है, आपने कई सच्चे साधूओं या महात्माओं और ज्ञानियों को देखा जरूर होगा, वे हमेशा शांत ही रहते हैं क्यों? क्योंकि वे चीजों को समझकर उसकी नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदल देते हैं. 

अंत में-

अंत में यही कहना चाहूँगा कि हर एक इंसान के स्वभाव में विचित्रता एवं विलक्षणता होने के बाद भी हममें से कई लोग ऐसे तथ्यों को पहचान नहीं पाते, जिससे वे आम से ख़ास बन जाएं. 

इस पोस्ट में मैंने कुछ मानव स्वभाव के रोचक तथ्यों को उजागर कर आपको जागरूक करने की छोटी सी कोशिश की है. उम्मीद करता हूँ की पोस्ट आपको अच्छी लगी हो…… 

ऐसे ही मनोविज्ञान के रोचक तथ्य और मनोविज्ञान की बातों को जानने के लिए वेबसाइट को subscribe करें, और अपनी जानकारी को औरों के साथ share करें क्योंकि “ज्ञान बांटने से बढ़ता है.”

 धन्यवाद!

जय हिन्द! जय भारत!

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