दुनिया का अजूबा- ग्रेट पिरामिड | Wonder of the World – Pyramid

ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा | पिरामिड के रहस्य और रोचक तथ्य

हमारी दुनिया में आज भी कई ऐसे अजूबे और रहस्य मौजूद हैं, जिनके रहस्यों को पूरी तरह से उजागर किया जाना अभी भी बाकी है। प्राचीन मानव सभ्यताओं ने अपने पीछे कुछ ऐसे ऐतिहासिक निर्माण, चिन्ह और निशान छोड़े हैं

जिन्हे आज भी हम पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने ऐसे ऐतिहासिक निर्माणों और चिन्हों को अजूबों की श्रेणी में रखा है और आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे ही ऐतिहासिक अजूबे पिरामिड की।

वैसे पिरामिडों से जुड़े रहस्यों की संख्या बदलते समय के साथ बहुत अधिक हो चुकी है, जिन्हे शोधकर्ता सुलझाने की कोशिश में लगे है असल में यह एक लंबे समय का काम है

पिरामिड के प्रीपेक्ष्य में खोज और शोधकर्ताओं का कहना है कि पिरामिड हमेशा से ही हमारी जिज्ञासा के रोमांच को बढ़ाता है और हमेशा एक नई चीज से रूबरू भी करवाता रहता है।

दुनिया का अजूबा- ग्रेट पिरामिड

लेकिन यहां पर सवाल उठता है कि इसको बनाने का मकसद क्या था? और क्या प्राचीन सभ्यता आज की सभ्यता से इतनी उन्नत थी कि इतने बड़ेबड़े निर्माण बिना आधुनिक मशीनों और औजारों की मदद से कर सके, या फिर यह निर्माण किसी परग्रही सभ्यता की ओर इशारा करते हैं? 

पिरामिड का इतिहास (History of Pyramid)-

पिरामिड शब्द सुनते ही सबसे पहला ख्याल मिस्र(Egypt) देश का आता है जहां पर अभी तक कुल 138 पिरामिड खोजे जा चुके हैं, लेकिन दुनिया में सबसे अधिक संख्या में पिरामिड सूडान देश में कुल 220 खोजे या पाए गए है। पिरामिड का इतिहास आज से लगभग 04 से 5000 साल पहले का माना जाता है, जो कि भारतीय सभ्यताकी तरह काफी पुराना है।

इंसान द्वारा बनाए गए सभी निर्माणों में से सबसे अद्भुत रचना है पिरामिड। मिस्र में पिरामिडों को प्राचीन समाधि स्थल या शवों को सुरक्षित दफनाने का स्थान भी कहा जाता है क्योंकि माना जाता है कि मिस्र में इनका निर्माण सामग्री को सुरक्षित रखने के रूप में किया जाता था, लेकिन पिरामिडों के इतिहास का गहन अध्ययन करने पर कई रहस्य भी उजागर होते हैं, जो पिरामिड के निर्माता इसके पीछे छोड़ गए।

जैसेयदि प्राचीन सभ्यता आज की मानव सभ्यता के मुकाबले इतनी उन्नत थी कि बिना किसी आधुनिक मशीनों और औजारों की मदद से इतना बड़ा निर्माण और वो भी बिलकुल सटीक गणितीय गणना कर खड़ा कर सकती थी, जो आज की सबसे उन्नत तकनीकों के लिए भी एक चुनौती है, तो वो सभ्यता पूरी तरह से गायब कैसे हो गई?

पिरामिड का आकार व संरचना(Pyramid Structure)-

पिरामिड क्या होता है?-अमूमन पिरामिडों की संरचना में पत्थर से बनी बड़ीबड़ी ईंटों का प्रयोग प्रचुर मात्रा में दिखाई या पाया जाता है। इसकी एक ईंट का वजन कम से कम 2,000 किग्रा0 से लेकर 50-70 टन तक हो सकता है। 

देखने में अधिकतर पिरामिड त्रिकोण की तरह दिखते हैं वहीं इसका मूल आधार (Base) वर्गा या आयताकार काफी चौड़ा होता है,

Pyramid-Structure | Pyramid-Stone

जो इन पिरामिडों की नींव को मजबूती प्रदान करता है आमतौर पर पिरामिडों की ऊंचाई लगभग 300 से 500 फुट तक हो सकती है। जहां इसका आधार चौकोर चौड़ा होता हैं वहीं इसकी दीवारें नीचे आधार से, ऊपर चोटी की ओर सकरी होती जाती है और एक नुकीली चोटी बनाती हैं।

ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा(The Great Pyramid of Giza)-

यूं तो पृथ्वी पर जगहजगह पिरामिड मौजूद हैं, लेकिन गीजा का ग्रेट पिरामिड रहस्यों से भरा पड़ा है। जिसने वैज्ञानिकों को भी हैरान कर रहा है और यह दुनिया की प्राचीन सभ्यता (मिस्र की सभ्यता) के होने का प्रमाण देता है। 

गीजा के कायरो (Cairo) शहर (हिन्दी व स्थानीय लिपि का नामकाहिरा, القـــاهــرة) के पास नील नदी से कुछ दूरी पर 03 पिरामिडो का एक समूह (1. द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा– The Great Pyramid of Giza, 2. पिरामिड ऑफ़ खाफरे– Pyramid of Khafre, 3. पिरामिड ऑफ़ मेनकौरे– Pyramid of Menkaure) मौजूद है,

जिनमें से एक है ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा जो बाकी दोनों पिरामिडों की अपेक्षा सबसे बड़ा और सबसे पुराना है। इससे खुफू का पिरामिड भी बोला जाता है इन तीनों पिरामिडो के पास मौजूद है ग्रेट स्फिंक्स ऑफ गीजा (Great Sphinx of Giza)

यह एक काल्पनिक प्राणी (creature) (22 मीटर ऊंचा और 50 मीटर लंबा) है, जिसका सिर एक इंसान की तरह और बाकी शरीर एक शेर की तरह है, देखने पर ऐसा लगता है कि ये इन तीनों पिरामिडो की रखवाली कर रहा है।

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मिस्र के पिरामिडो का अध्ययन करने पर वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को जो सबसे ज्यादा हैरान और परेशान करने वाली बात मिली, वो है इन पिरामिडो की Geometry और Geography जो बिल्कुल सटीक होने के साथसाथ भूकंप रोधीभी है। 

द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा के निर्माण में लगभग 23 से 25 लाख चूना पत्थर(लाईमस्टोन) का प्रयोग हुआ है। इन पत्थरो की चिनाई इतनी अच्छे से की गई है कि दीवार के आरपार एक तिनका भी नहीं गुजर सकता।

द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा आधार पर लगभग 13 एकड़ में फैला हुआ है, इसकी ऊंचाई आधार से 450 फीट है और इसका कुल भार माप के अनुसार 57,50,000 टन अनुमानित है, साथ ही माना जाता है कि इसका निर्माण 23 सालों में पूर्ण कर लिया गया था,

जो कि सबसे हैरत में डालने वाला तथ्य है क्योंकि आज के आधुनिक उपकरणों से यदि इस तरह का निर्माण किया जाए तो लगभग 50 से 80 से भी अधिक साल लग सकते हैं।

पिरामिड बनाने का मकसद (Purpose of Building a Pyramid)-

पिरामिड से जुड़ा सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि आखिर पिरामिडों को बनाने का मकसद क्या था? क्या पिरामिडों का प्रयोग उस समय खानेपीने के सामानों को संरक्षित किया जाता था? या ये किसी एक्सपेरिमेंट का हिस्सा थे?, क्या यह किसी तरह के पावर हाउसथे

या फिर ये मिस्र के राजाओं के मकबरे हैं? ऐसे ही बहुत सारे सवाल हैं लेकिन इन सवालों का सटीक जवाब अभी तक कुछ भी नहीं मिला है। लेकिन मिस्रवासियों की आम धारणा के अनुसार प्राचीन मिस्र में मरे हुए मनुष्यों को जलाने की प्रथा नहीं थी। वह मृत शरीर पर एक रसायनिक लेप चढ़ाकर ममी बनाकर पिरामिड में रख देते थे, जहां मृत शरीर हजारों सालों तक सुरक्षित बने रह सकते थे। 

दरअसल प्राचीन मिस्रवासियों का मानना था कि शरीर की मृत्यु के बाद भी इंसान का जीवन चलता रहता है। इसी वजह के कारण वे मृत शरीरों के साथ खानेपीने की वस्तुएं, कपड़े, गहने, हथियार और जो जीवन के लिए जरूरी चीजें है

वह सब रख देते थे। ऐसा माना जाता है कि मिस्र के पिरामिड, मिस्र के प्राचीन राजाओं की कब्र या मकबरा (स्मारक) है जिसमें उन्हें ममी (Mummy) बनाकर दफनाया जाता था।

लेकिन यहाँ पर सवाल यह है कि मिस्र में जितने भी पिरामिड हैं उनमें से आज तक किसी में भी कोई भी ममी क्यों नहीं मिली?ममी छोड़िए! पिरामिड के अंदर आज तक कोई ताबूत भी नहीं मिला है

इससे साबित होता है कि पिरामिड मकबरे तो नहीं है बल्कि इनका निर्माण किसी और मकसद के लिए किया गया था। जिसे समझा जाना अभी बाकी है। असल में पिरामिडों के बनाए जाने के मकसद पर सवाल तो कई हैं लेकिन जवाब कोई नहीं।

पिरामिड के अंदर क्या है(What’s inside the Pyramid)-

द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा के अन्दर खोजकर्ताओं ने अभी तक 03 चैम्बर या कक्ष खोजे हैं, सबसे ऊपर king chamber, उसके नीचे बीच में Queen chamber और सबसे नीचे Base chamber. हालांकि इसके अतिरिक्त और भी chambers हो सकते हैं 

लेकिन मिस्र की सरकार ने आगे की खोज पर पाबंदी लगी रखी है क्योंकि वो नहीं चाहती की खोज के दौरान पिरामिडों को कई क्षति पहुंचाई जाए, जिससे उनका पर्यटन का आकर्षण प्रभावित हो.

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पिरामिड की भीतरी दीवारों पर प्राचीन मिस्र लिपि में शब्द या चिन्ह(symbol) उकेरे अथवा बनाये गए हैं, साथ ही वहां के सम्राटों फैरो के चित्र भी बने मिलते हैं. जहां गर्मी के मौसम में मिस्र के रेगिस्तान की सतह का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है 

वहीं पिरामिड के अन्दर या भीतर का तापमान प्राकृतिक रूप से हमेशा औसतन 20 डिग्री ही बना रहता है, यह सबसे बड़ा पिरामिड का रहस्य है।

द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा के अन्दर कई छोटेछोटे शाफ़्ट या सकरे रास्ते भी मौजूद हैं, जो इसके चैम्बरों को आपस में जोड़ते हैं. साथ ही इसके अन्दर कई स्थानों पर ग्रेफाईट (सबसे सख्त पत्थर) भी लगे हैं, जो एक और रहस्य (विधुतप्रवाह) की ओर इशारा करते हैं.

फ्रांस के मैटेरियल(सामग्री) वैज्ञानिक जोसेफ डेविडोविट्स ने अपने एक बयान में कहां कि जो पत्थर पिरामिड बनाने में प्रयोग हुए हैं उन्हें कहीं बाहर से न लाकर अपितु वहीं चूने और कंक्रीट (mortar) को आपस में मिलाकर बनाया गया था,

अपने बयान के साथ जोसेफ ने तर्क दिया कि जिन पत्थरों से पिरामिड का निर्माण किया गया उन पत्थरों के अवशेष(खदान) आसपास दूरदूर तक नहीं मिले हैं.

लेकिन मिस्र के मुख्य धारा के वैज्ञानिकों ने जोसेफ के इस बयान को एक सिरे से नकार दिया और जवाब में तर्क दिया किमान लेते हैं कि चूना पत्थरों का निर्माण किया गया हो लेकिन ग्रेफाईट जैसे सबसे ठोस और मजबूत पत्थर का निर्माण करना संभव नहीं”. 

देखिये पिरामिडों के लिए अवधारनाए तो बहुत सारी हैं लेकिन सटीक व्याख्याएं बहुत ही कम.

ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा की विशेषता (रोचक तथ्य-Facts)-

 माना जाता है कि द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा पृथ्वी के केंद्र बिंदु के ऊपर बना है, इस पिरामिड के चारो कोने चारो दिशाओं को इंगित करते हैं, कई शोधकर्ता इसे प्राकृतिकबिजली बनाने या प्रवाह करने वाला यंत्र भी मानते हैं, क्योंकि इसकी बनावट और इसके निर्माण में प्रयोग हुए पत्थर विधुतधारा प्रवाह के अनुकूल हैं।

   इसकी ज्यामितीय सटीकतागणना के आधार पर सटीक निर्माण।

   इसके अन्दर का तापमानहमेशा औसतन 20 डिग्री बना रहना।

  पिरामिड के आधार के चारों कोनों के पत्थरों में गोल (गेंदनुमा) सॉकेट बनाये गये हैं जिससे पिरामिड को तपती गर्मी और भूंकप से सुरक्षित बना रहे।

     ●   ओरायन तारामंडल (03 तारों) के साथ इन पिरामिडों का लगभग एक सीध में होना 

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   दुनिया में जितने पिरामिड पाए गए हैं उनका निर्माण लगभग एक ही समय काल में किया गया है।

   प्राचीन पिरामिडों और ऐतिहासिक स्मारकों को बनाने के लिए अधिक मात्रा में चूना पत्थर (लाईमस्टोन)का प्रयोग किया गया है, इससे यह बात साफ हो जाती है कि चूना पत्थर की life आधुनिक सीमेंट से ज्यादा है, क्योंकि सीमेंट और कंक्रीट से बने निर्माण की life अधिकतम 25-100 सालों तक पाई गई है, इसके बाद इसमें विकृतियां स्वत: दिखाई देने लगती हैं। (चूना मोर्टार अपने जीवनकाल में वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है। जिस कारण पर्यावरणविदों द्वारा चूने के मोर्टार को कार्बन तटस्थ माना जाता है। वहीं इसके विपरीत, सीमेंट उत्पादन ग्लोबल वार्मिंग में बहुत योगदान देता है, क्योंकि इसके उत्पादन के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड प्रचुर मात्रा में जारी किया जाता है। विस्तृत स्रोत)

  प्राचीन मिस्रवासी मानते थे कि शरीर की मृत्यु के बाद भी जीवन चलता रहता है, इससे पुनर्जन्म और माइंड अपलोडिंग जैसी अवधारणाओं के तथ्य प्रकाश में आए।

पिरामिड से संबन्धित सामान्य ज्ञान के प्रश्नोत्तर

प्रश्न- पिरामिड कहां है या गीजा का पिरामिड किस देश में है?

उत्तर- पूरी दुनिया में पिरामिड पाए जाते है और गीजा का पिरामिड मिस्र देश में है।

प्रश्न- विश्व का सबसे बड़ा पिरामिड कौन सा है?

उत्तर- द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा जो कि मिस्रमें स्थित है, विश्व का सबसे बड़ा पिरामिड माना जाता है.

प्रश्न- गीजा के पिरामिड की ऊंचाई कितनी है?

उत्तर- द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा जो कि मिस्र में स्थित है, इसकी ऊंचाई 450 फुट की है।

प्रश्न- पिरामिड का निर्माण कब हुआ?

उत्तर- मिस्र के चौथे राजवंश के समय में लगभग 2600 ईसा-पूर्व पहले पिरामिड का निर्माण शुरू हुआ था।

प्रश्न- मिस्र का अंतिम राजा कौन था?

उत्तर- 1333 ईसा-पूर्व से 1324 ईसा-पूर्व तक मिस्र पर शासन करने वाला अंतिम शासक (फैरो) तूतनखामेन(टट) था, महज 19 साल की छोटी उम्र में उनकी रहस्यमय तरीके से मृत्यु हो गई थी।

प्रश्न- मिस्र पर शासन करने वाली प्रथम महिला कौन थी?

उत्तर- प्राचीन मिस्र की पहली महिला शासक (फैरो) हत्शेपसुत (Hatshepsut) थी, जिसने1479-1458 ईसा-पूर्व तक अपना शासन किया।

प्रश्न- मिस्र की पुरानी राजधानी कहाँ थी और वर्तमान मेंमिस्र देश की राजधानी कहाँ है?

उत्तर- प्राचीन मिस्र की पुरानी राजधानीआज से लगभग 2,000 सालों पहले तक मेम्फिस में थी और वर्तमान मेंमिस्र देश की राजधानी काहिरा(Cairo) है। (निर्देशांक (Coordinates)- 30.0444° N, 31.2357° E)

प्रश्न- मिस्र में कितने पिरामिड है?

उत्तर- मिस्र में अभी तक कुल 138 पिरामिड खोजे जा चुके हैं।

प्रश्न- दुनिया में सबसे ज्यादा पिरामिड कहाँ पर हैं?

उत्तर-  दुनिया में सबसे अधिक संख्या में पिरामिड सूडानदेश में कुल 220 खोजे या पाए गए है.

अंतिम में

पिरामिड का निर्माण आज की तकनीकी सभ्यता से उन्नत सभ्यता की ओर इंगित करता है। साथ ही कई ऐसे रहस्य और हैरान करने वाले प्रश्नों व तथ्यों को भी उत्पन्न करता है। जो हमारे इतिहास में कहीं न कहीं आज भी दफन हैं, और जिन्हें अभी भी खोजाजाना बाकी है

मिस्र का ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा अभी भी अपने अंदर कई रहस्यों को explore कराने के लिए खड़ा है, और आगे भी ऐसे ही खड़ा रहेगा। 

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